जनवरी के दिनों में आमतौर पर धूप अच्छी लगती है और धूप में ज्यादा देर तक बैठने का मन करता है। मगर इस साल ऐसा नहीं लग रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की वजह से इस बात की आशंका अभी से जताई जाने लगी है कि क्या इस साल भी गर्मी के मौसम में ज्यादा गर्मी सताएगी। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने (WMO) वर्ष 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित किया है। पिछले साल वैश्विक तापमान सामान्य से 1.55 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
भारतीय मौसम विभाग ने मैदानी इलाकों में बढ़ते तापमान की वजह पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर रहना बताया है। कमजोर उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी बंद हो गई है जिससे सर्द हवाएं नहीं चल रही है। इस वजह से जनवरी में होने वाली बारिश में भी 49 प्रतिशत की कमी आई है। इसका परिणाम यह है कि गर्मी ने अभी से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।
मौसम विभाग ने इस महीने 1 से 23 जनवरी के बीच दिल्ली का औसत न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री दर्ज किया, जो सामान्य से लगभग 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है। इस महीने का सबसे कम तापमान 4.8 डिग्री रहा जो 9 जनवरी को दर्ज किया गया था। इसी तरह, बीते छह साल में 21 जनवरी को इस वर्ष का पहला सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है। 21 जनवरी को अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री दर्ज किया गया। दिल्ली में बुधवार का दिन भी काफी गर्म रहा। IMD ने 23 जनवरी को दूसरे सबसे गर्म दिन के रूप में दर्ज किया। इस दिन अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक और न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.8 डिग्री अधिक 9.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
तापमान में हुई बढ़ोतरी से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ सकती है। हालांकि, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पश्चिमी विक्षोभ के मजबूत होने की एक संभावना दिखाई दे रही है जिसका असर भारत में दिख सकता है। पिछले साल गर्मी के साथ-साथ बारिश भी ज्यादा हुई थी जिससे यह संभावना जताई गई थी कि इस बार सर्दी ज्यादा पड़ेगी, लेकिन जनवरी के शुरुआती दिनों को छोड़कर, खासकर मकर संक्राति के बाद तापमान में सामान्य से ज्यादा वृद्धि देखने को मिल रही है।