Trending News

 मारिया कोरिना मचाडो को मिला 2025 का नोबेल पीस प्राइज, वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता हैं मारिया, लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए नोबेल पुरस्कार         तिरुपति में सहकारिता क्षेत्र की मजबूती पर राष्ट्रीय कार्यशाला, पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन और सुदृढ़ीकरण पर जोर         गाजा में लागू हुआ युद्धविराम, इजरायली कैबिनेट ने ट्रंप के पीस प्लान पर लगाई मुहर, 72 घंटे के अंदर सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा         PM मोदी ने ट्रंप और नेतन्याहू से 'गाजा पीस प्लान' पर की बात, नेतन्याहू को बताया मजबूत नेता, कहा- किसी भी रूप में कहीं भी स्वीकार्य नहीं है आतंकवाद         ब्रिटिश प्रधानमंत्री और PM मोदी की बैठक में हुआ ट्रेड समझौता, PM मोदी बोले- दोनों देशों के बीच आसान होगा कारोबार, युवाओं को मिलेगा रोजगार, PM स्टार्मर बोले- भारत में कैंपस खोलेंगी ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटी         देशभर में कफ-सिरप बनाने वाली कंपनियों की जांच करेगी सरकार, राज्यों से मांगी लिस्ट, 3 सिरप कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश-टीआर और रिलाइफ की बिक्री और प्रोडक्शन पर भी रोक, MP में अब तक 25 बच्चों की मौत       

अगले पांच साल में दुनिया भर में तेजी से बदलेगा नौकरी बाजार

अगले पांच साल में दुनिया भर के नौकरी बाजार में तेजी से बदलाव दिखेगा। इस दौरान जहां परंपरागत क्षेत्र की नौकरियों में कमी आएगी, वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), रोबोटिक्स, ऑटोमोटिव जैसे तकनीक आधारित क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक पूरी दुनिया में 17 करोड़ नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे, जबकि 9.2 करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी।

Published: 11:56am, 22 Jan 2025

तकनीक और डिजिटल क्रांति के बढ़ते प्रभाव का असर आने वाले वर्षों में नौकरियों पर देखने को मिलेगा। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, हरित परिवर्तन और जनसांख्यिकीय बदलाव से भी नौकरी का बाजार अछूता नहीं रहेगा। अगले पांच साल में दुनिया भर के नौकरी बाजार में तेजी से बदलाव दिखेगा। इस दौरान जहां परंपरागत क्षेत्र की नौकरियों में कमी आएगी, वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), रोबोटिक्स, ऑटोमोटिव जैसे तकनीक आधारित क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक पूरी दुनिया में 17 करोड़ नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे, जबकि 9.2 करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ताजा रिपोर्ट ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्टः 2025’ वैश्विक श्रम बाजार के संभावित बदलावों और चुनौतियों पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन नौकरियों में तेजी आएगी उनमें डाटा स्पेशलिस्ट, फिनटेक इंजीनियर, एआई और मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट, सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन डेवलपर, सिक्योरिटी मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट, डाटा वेयरहाउसिंग स्पेशलिस्ट, ऑटोनोमस और इलेक्ट्रिक व्हीकल स्पेशलिस्ट, यूआई और यूएक्स डिजाइनर, हल्के ट्रक और डिलीवरी सर्विस ड्राइवर, डाटा एनालिस्ट और साइंटिस्ट, एनवायर्नमेंटल इंजीनियर, इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी एनालिस्ट, रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर आदि शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, फ्रंटलाइन जॉब रोल्स में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिलेगी। इनमें फार्मवर्कर, डिलीवरी ड्राइवर, निर्माण श्रमिक, सेल्स पर्सन, फूड प्रोसेसिंग कर्मी, नर्सिंग प्रोफेशनल, समाज सेवा, काउंसलिंग प्रोफेशनल, पर्सनल केयर अटेंडेंट शामिल हैं।

जबकि तेजी से घटने वाली नौकरियों में पोस्टल सर्विस क्लर्क, बैंक टेलर और संबंधित क्लर्क, डाटा एंट्री क्लर्क, कैशियर और टिकट क्लर्क, प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव, प्रिंटिंग और उससे संबंधित कारोबार के कर्मचारी शामिल हैं। इनके अलावा, मैटेरियल, रिकॉर्डिंग और स्टाक कीपिंग क्लर्क, ट्रांसपोर्टेशन अटेंडेंट और कंडक्टर, डोर टू डोर सेल्स सर्विस वर्कर, स्ट्रीट वेंडर, ग्राफिक डिजाइनर, क्लेम एडजस्टर, एग्जामिनर और इन्वेस्टिगेटर, लीगल ऑफिशियल, लीगल सेक्रेटरी, टेलीमार्केटर जैसे पद भी खत्म होने का अनुमान है।

स्विटजरलैंड की राजधानी दावोस में इन दिनों वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक चल रही है। इसमें उद्योग, निवेश, रोजगार और कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हो रही है। कुशल और सक्षम कार्यबल के संकट से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही। ऐसे में सबका ज्यादा फोकस कौशल विकास पर है। भारत ने भी इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके माध्यम से भारत का लक्ष्य दुनिया की कौशल राजधानी बनने का है।

रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने माना है कि कामकाज में डिजिटल एक्सेस सबसे अधिक परिवर्तन लाने वाला साबित हो सकता है। 60 प्रतिशत नियोक्ताओं ने उम्मीद जताई है कि यह 2030 तक उनके व्यवसाय को बदल देगा। इसमें विशेष रूप से एआई, सूचना प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, ऑटोमोटिव आदि की भूमिका होगी। जीवनयापन की बढ़ती लागत  दूसरा सबसे परिवर्तनकारी कारक हो सकता है। 50 प्रतिशत नियोक्ताओं को उम्मीद है कि यह वैश्विक मुद्रास्फीति में अनुमानित कमी के बावजूद 2030 तक उनके व्यवसाय को बदल देगा। इससे 42 प्रतिशत व्यवसायों में बदलाव आने की उम्मीद है। जलवायु परिवर्तन भी व्यवसाय को बदलने वाला कारक साबित होने जा रहा है। 41 प्रतिशत नियोक्ताओं ने इसकी वजह से व्यवसाय में बदलाव की उम्मीद जताई है। इससे अक्षय ऊर्जा इंजीनियरों, पर्यावरण इंजीनियरों और इलेक्ट्रिक एवं ऑटोनोमस व्हीकल विशेषज्ञों जैसी भूमिकाओं की मांग बढ़ेगी।

इसी तरह, दो जनसांख्यिकीय बदलाव वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और श्रम बाजारों को तेजी से बदल रहे हैं। उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में उम्र बढ़ने की वजह से काम करने की उम्र वाली आबादी में कमी देखी जा रही है। वहीं, निम्न आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में काम करने की उम्र वाली आबादी में वृद्धि दिख रही है। उम्र बढ़ने वाली आबादी नर्सिंग पेशेवरों जैसी स्वास्थ्य सेवा नौकरियों में वृद्धि को बढ़ावा देगी, जबकि कामकाजी उम्र वाली आबादी में वृद्धि शिक्षा से संबंधित व्यवसायों जैसे उच्च शिक्षा शिक्षकों में वृद्धि को प्रोत्साहित कर सकती है।

YuvaSahakar Team

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x