भारतीय स्टार्टअप ने पिछले नौ वर्षों में सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है। स्टार्टअप इंडिया पहल की बदौलत भारत आज 1.59 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनकर उभरा है। इनमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। मार्केट रिसर्च एजेंसी मैकिंजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक भारतीय स्टार्टअप रोजगार के 5 करोड़ से ज्यादा अवसर पैदा कर सकते हैं।
16 जनवरी को नेशनल स्टार्टअप डे मनाया जाता है। नौ वर्ष पहले 2016 में इसी दिन केंद्र सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुआत की थी। भारत सरकार की एक प्रमुख पहल के रूप में लॉन्च किए गए स्टार्टअप इंडिया का उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहन देना और देश भर में स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। मार्केट रिसर्च एजेंसी मैकिंजी की रिपोर्ट ‘यूनिकॉर्न 2.0: एडिंग द नेक्स्ट ट्रिलियन’ के मुताबिक, 2030 तक भारतीय स्टार्टअप 5 करोड़ से ज्यादा रोजगार जोड़ सकते हैं। इनमें इकोनॉमी में करीब 87 लाख करोड़ रुपये जोड़ने की क्षमता है। तब भारतीय इकोनॉमी 7 ट्रिलियन डॉलर की होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 करोड़ नई नौकरियों में से 40-50 लाख सीधे स्टार्टअप से जुड़ी होंगी। 90 लाख से 1 करोड़ गिग वर्कर्स की होंगी। बाकी 3.5 करोड़ से 4 करोड़ नौकरियां अप्रत्यक्ष रूप से पैदा होंगी। बीते दशक में कुल पैदा हुईं नौकरियों में 20 प्रतिशत स्टार्टअप से निकली हैं।
नेशनल स्टार्टअप डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछले नौ वर्षों में इस परिवर्तनकारी योजना ने अनगिनत युवाओं को सशक्त बनाया है और उनके अभिनव विचारों को सफल स्टार्टअप में बदल दिया है। जहां तक सरकार का सवाल है, हमने स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्टार्टअप इंडिया की सफलता दर्शाती है कि आज का भारत का युवा गतिशील, विश्वास से भरा और भविष्य के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा, “मैं स्टार्टअप जगत के हर युवा को बधाई देता हूं और अधिक से अधिक युवाओं को इसे अपनाने का आग्रह करता हूं। मैं आश्वस्त कराता हूं कि आप निराश नहीं होंगे!”