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किसानों के संकट पर सुप्रीम कोर्ट की समिति सख्त, NABARD से मांगा जवाब

NABARD ने अब तक करीब 7,400 से ज्यादा FPOs बनाए हैं, जिनमें 27.5 लाख किसान जुड़े हैं, जिनमें 82% छोटे और सीमांत किसान हैं

Published: 16:42pm, 10 Jul 2025

किसानों की समस्याओं को लेकर गठित सुप्रीम कोर्ट की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने मंगलवार को एक अहम बैठक की। यह बैठक हरियाणा के पंचकूला में हुई, जिसमें राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के चेयरमैन शाजी केवी और समिति के अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। समिति ने खासतौर पर किसानों की आय बढ़ाने और गांवों में आजीविका सुधारने को लेकर NABARD की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए।

समिति ने देशभर में NABARD द्वारा बढ़ावा दिए गए किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की सफलता और जमीनी हकीकत पर चर्चा की। बताया गया कि NABARD ने अब तक करीब 7,400 से ज्यादा FPOs बनाए हैं, जिनमें 27.5 लाख किसान जुड़े हैं, जिनमें 82% छोटे और सीमांत किसान हैं। लेकिन समिति ने कहा कि जमीनी रिपोर्टें दिखा रही हैं कि इनमें से कई FPO निष्क्रिय हो चुके हैं और किसानों को कोई बड़ा लाभ नहीं मिल पा रहा है।

समिति ने NABARD से पूछा कि इतने सालों में इन संगठनों के बढ़ावे का असली नतीजा क्या रहा? उन्होंने कहा कि FPOs को लेकर जो योजनाएं बनीं, उनमें कई बार किसानों तक मदद नहीं पहुंची और कई संगठनों के विफल होने की खबरें भी सामने आई हैं।

हालांकि NABARD ने अपने मॉडल का बचाव करते हुए कहा कि FPOs छोटे किसानों के लिए एक व्यवहारिक समाधान हैं और संस्था लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि 2024-25 में NABARD ने ₹1.96 लाख करोड़ वितरित करने और 17 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक सुलभ ऋण पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

बैठक में यह सवाल भी उठा कि जब देश में व्यापार को आसान बनाने के लिए ‘Ease of Doing Business’ को प्राथमिकता दी जाती है, तो फिर किसानों के लिए ‘Ease of Doing Farming’ क्यों नहीं?

NABARD अधिकारियों ने बताया कि वे किसानों की आय बढ़ाने के लिए वित्तीय समावेशन, मूल्य श्रृंखला विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और ग्रामीण रोजगार के विविधीकरण पर काम कर रहे हैं।

समिति ने कहा कि वह सभी हितधारकों से सलाह लेकर किसानों के लिए एक ठोस समाधान तैयार करेगी। इससे पहले मई में समिति ने केरल सरकार के साथ मिलकर सब्जियों और फलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसान कर्ज राहत आयोग पर चर्चा की थी।

Yuvasahkar Desk

यह लेख "Yuvasahakar Desk" द्वारा लिखा गया है

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