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सरस्वत बैंक बनेगा देश का पहला यूनिवर्सल कोऑपरेटिव बैंक, बड़ी छलांग की तैयारी में

सरस्वत बैंक का बड़ा विज़न कोऑपरेटिव मॉडल में ही बनेगा यूनिवर्सल बैंक, रिकॉर्ड कारोबार और शून्य NPA से दिखाई नई दिशा

Published: 11:07am, 03 Aug 2025

सरस्वत कोऑपरेटिव बैंक, जो देश का सबसे बड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक है, अब एक नया इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है। बैंक ने ऐलान किया है कि वह भारत का पहला यूनिवर्सल बैंक बनना चाहता है, लेकिन को-ऑपरेटिव सेक्टर के दायरे में ही। इसके लिए जरूरी है कि नियमों में थोड़ी ढील दी जाए या नया रेगुलेशन लाया जाए।

यह जानकारी बैंक के चेयरमैन श्री गौतम ई. ठाकुर ने बैंक की 2024–25 की वार्षिक रिपोर्ट में दी। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई 2021 को आई एन.एस. विश्वनाथन एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में भी इस तरह के सुझाव दिए गए थे, जिससे टियर IV कोऑपरेटिव बैंक यूनिवर्सल बैंक बन सकें।

ठाकुर ने यह भी साफ किया कि सरस्वत बैंक का प्राइवेट बैंक बनने का कोई इरादा नहीं है। बैंक कोऑपरेटिव मॉडल में ही भरोसा रखता है और उसी रास्ते पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि “बड़ा सोचना” हमेशा से सरस्वत बैंक की पहचान रही है।

बेहतरीन प्रदर्शन की झलक

बैंक ने इस साल जबरदस्त वित्तीय प्रदर्शन किया है। 31 मार्च 2024 तक बैंक का कुल व्यापार 82,024.77 करोड़ रुपये था, जो 31 मार्च 2025 तक बढ़कर 91,814.07 करोड़ रुपये हो गया। यानी लगभग 12% की बढ़त। यह अब तक का सबसे ज़्यादा एक साल में बढ़ा व्यापार (लगभग 9,800 करोड़ रुपये) रहा है।

बैंक का नेट प्रॉफिट 518.25 करोड़ रुपये रहा। डिपॉजिट्स 12.18% बढ़कर 55,481.27 करोड़ रुपये और लोन (अडवांसेज) 11.56% बढ़कर 36,332.80 करोड़ रुपये हो गया। खुदरा और थोक दोनों तरह के कर्जों में अच्छी बढ़त देखने को मिली।

NPA और रिस्क मैनेजमेंट में भी अव्वल

बैंक ने लगातार तीसरे साल शून्य नेट एनपीए (Zero Net NPA) बनाए रखा है, जो कि किसी भी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के लिए बड़ी उपलब्धि है। ग्रॉस एनपीए भी 2.88% से घटकर 2.25% हो गया है। साथ ही बैंक ने 125 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फ्लोटिंग प्रोविजन बनाई है, जो को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए एक अनूठा कदम है।

बाजार में नई पहचान

ठाकुर ने कहा कि आज सरस्वत बैंक की टक्कर सिर्फ दूसरे कोऑपरेटिव बैंकों से नहीं, बल्कि बड़े प्राइवेट और सरकारी बैंकों से हो रही है। यहां तक कि कई स्मॉल फाइनेंस बैंकों से भी यह आकार, मुनाफे और एसेट क्वालिटी में आगे है।

एक और बड़ी उपलब्धि – NICBL का विलय

बैंक के सालाना आम बैठक (AGM) में शेयरहोल्डर्स ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (NICBL) के साथ हुए विलय की भी सराहना की। इसके तहत सरस्वत बैंक NICBL की सभी संपत्तियों और देनदारियों को संभालेगा और उनके 1.5 लाख डिपॉजिटर्स के हितों की पूरी सुरक्षा करेगा।

अगर नियमों में थोड़ी सहूलियत दी जाती है, तो सरस्वत बैंक जल्द ही देश का पहला यूनिवर्सल कोऑपरेटिव बैंक बन सकता है – और यह कोऑपरेटिव सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक पल होगा।

YuvaSahakar Desk

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