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शिलांग से दिया गया ‘सहकार से समृद्धि’ का मंत्र, सहकारी समीक्षा बैठक में डॉ. भूटानी ने दिखाई नई राह

इस समीक्षा बैठक ने न केवल सहकारी आंदोलन की वर्तमान स्थिति को उजागर किया, बल्कि उसे आधुनिक, समावेशी और पारदर्शी ढांचे में बदलने का खाका भी पेश किया।

शिलांग में दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की समीक्षा बैठक का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ करते हुए सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी


Published: 15:57pm, 14 Apr 2025

सहकारी क्षेत्र को नई ऊर्जा और स्पष्ट रणनीतिक दिशा देने के लिए मेघालय की राजधानी शिलांग में 10-11 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सरकार “सहकार से समृद्धि” के विजन को साकार करने के लिए तेज और ठोस कदम उठा रही है।

डॉ. भूटानी ने सहकारी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सटीक भागीदारी आंकने के लिए सभी सहकारी समितियों के PAN नंबर एकत्र करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल पारदर्शिता, विश्लेषण और नीति निर्धारण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।

श्वेत क्रांति 2.0 से ग्रामीण उत्थान

सचिव ने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और बाल पोषण को बढ़ावा मिल रहा है। असम, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए NDDB और अमूल जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन अब पारंपरिक खेती से कहीं ज्यादा आर्थिक संभावनाओं वाला क्षेत्र बन चुका है।

त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय: सहकारी शिक्षा का नया अध्याय

डॉ. भूटानी ने बताया कि देश का पहला त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए विधेयक पारित हो चुका है। यह संस्थान 250 से अधिक सहकारी शैक्षणिक संस्थाओं का एकीकरण करेगा और सहकारी शिक्षा को मानकीकृत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

एक पेड़ माँ के नाम

बैठक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत सचिव और मेघालय सरकार के अधिकारियों ने वृक्षारोपण किया। यह पहल प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सामाजिक भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बनी।

रणनीतिक तालमेल और डिजिटल विस्तार की दिशा में सटीक चर्चा

सम्मेलन में एनसीईएल, एनसीओएल, बीबीएसएसएल, एनसीसीएफ और नेफेड जैसे राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संगठनों की भूमिका को रेखांकित किया गया। राज्यों के प्रतिनिधियों ने माइक्रो-एटीएम से गांव-गांव बैंकिंग, रुपे किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से शून्य-ब्याज ऋण, और PACS तथा ARDB के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया।

व्यवसाय सुधार कार्य योजना और NCDC की रणनीति

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दृष्टिकोण से सहकारी समितियों की बेंचमार्किंग, प्रभाव मूल्यांकन और व्यवसाय सुधार कार्य योजना पर भी विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही, NCDC की योजनाओं को राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं के साथ फिर से जोड़ने की जरूरत पर भी विश्लेषणात्मक चर्चा हुई।

YuvaSahakar Desk

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