अगस्त महीने में त्य्होक महंगाई दर में एक बार फिर से उछाल आया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) महंगाई दर दो महीने की गिरावट के बाद 0.52% तक रही। पिछले दो महीनों में WPI नेगेटिव रहा, जिसमें जुलाई में -0.58% और जून में -0.19% दर दर्ज की गई थी। अगस्त 2024 में महंगाई दर 1.25% थी(see the generated image above)।
खाद्य और जरूरी सामानों की कीमतें बढ़ीं
WPI के आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में खाद्य पदार्थों में 3.06% डिफ्लेशन दर्ज हुआ, जबकि जुलाई में यह 6.29% तक थी। इस दौरान सब्जियों की कीमतों में उल्लेखनीय तेजी देखी गई। जरूरी सामान एवं विनिर्मित वस्तुओं के मामलों में अगस्त में मुद्रास्फीति 2.55% रही, जो पिछले महीने 2.05% थी(see the generated image above)।
ईंधन और बिजली में गिरावट जारी
ईंधन और बिजली की श्रेणी में अगस्त 2025 में महंगाई दर -3.17% रही, जो जुलाई में -2.43% थी। यानी इस क्षेत्र में अभी भी कीमतों में कमी जारी है।
आम आदमी पर असर
थोक महंगाई में बढ़ोतरी से धीरे-धीरे खुदरा महंगाई (CPI) पर भी प्रभाव पड़ सकता है। खाने-पीने की वस्तुओं और रोजमर्रा के उपयोगी सामान महंगे होने से उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ने की संभावना है। हालांकि ईंधन और बिजली की कीमतों में गिरावट से फिलहाल थोड़ी राहत रहेगी