उत्तर प्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। योगी सरकार की योजनाओं ने न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण अंचलों में भी रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास की नई संभावनाओं को खोला है। इन प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम यह है कि प्रदेश ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम-एफएमई) में पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बैंकों द्वारा राज्य में 98 प्रतिशत ऋण स्वीकृति दर प्राप्त हुई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर मात्र 80 प्रतिशत है। ऋण स्वीकृति की तेज प्रक्रिया से उद्योगपतियों को अपनी परियोजनाएं समय पर शुरू करने में मदद मिली है। विशेष उल्लेखनीय है कि जहां देश में टर्म लोन स्वीकृति की औसत अवधि 150 दिन है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह केवल 100 दिन में पूरी की जा रही है।
इस पहल से न केवल उद्योगों को समय पर पूंजी प्राप्त हो रही है, बल्कि रोजगार सृजन की दिशा में भी राज्य ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि खाद्य उत्पादों पर घटे जीएसटी दरों से मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे लघु और मध्यम उद्योगों को नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। ग्रामीण इलाकों में भी रोजगार और आय के नए अवसर पैदा हुए हैं।
बुधवार को अपर मुख्य सचिव (उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण) बीएल मीणा की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल समीक्षा बैठक में केंद्र सरकार और बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में योजना के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अयोध्या, सुल्तानपुर, कौशांबी और प्रयागराज जिलों के अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देने का निर्णय लिया गया। वहीं, मानक पूरा न करने वाले कुछ बैंकों के जोनल अधिकारियों को सुधार के लिए नोटिस जारी करने और मामले को वित्त विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए।
प्रदेश सरकार की ओर से अब तक 250 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत परियोजना लागत का 35 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रुपये) तक अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। अब तक 400 से अधिक परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनकी कुल लागत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें से लगभग 60 परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी भी हो चुकी हैं।
सरकारी समर्थन और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों में आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। विशेष रूप से बरेली, रामपुर और शाहजहांपुर में देश-विदेश के युवा उद्यमी भूमि खरीदकर अथवा लीज पर लेकर उद्योग शुरू कर रहे हैं। इन प्रयासों से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है, बल्कि प्रदेश रोजगार सृजन और औद्योगिक प्रगति में एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।