अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारत सहित सभी व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10% से 50% तक अतिरिक्त यथामूल्य शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह 10% का आधारभूत शुल्क 5 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा, जबकि देश-विशिष्ट अतिरिक्त शुल्क 9 अप्रैल 2025 से लागू होगा। भारत पर 27% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है।
अमेरिका की तरफ से लगाए इस टैरिफ पर भारत सरकार का आधिकारिक बयान आ गया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने ट्रंप की इस घोषणा के प्रभावों की गहन जांच शुरू कर दी है। मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि वाणिज्य विभाग अमेरिकी राष्ट्रपति के हालिया फैसलों की गहराई से जांच कर रहा है। ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को सामने रखते हुए, विभाग सभी हितधारकों के साथ चर्चा में जुटा है। इसमें भारतीय उद्योगों और निर्यातकों से भी राय ली जा रही है। नए टैरिफ के प्रभावों को समझने और मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करने का काम जारी है।
मंत्रालय के मुताबिक़, वाणिज्य विभाग इस बात पर भी नजर रख रहा है कि अमेरिका की बदली हुई व्यापार नीति से भारत के लिए कौन से नए मौके पैदा हो सकते हैं। विभाग का मानना है कि सही रणनीति से भारत इस स्थिति का लाभ उठा सकता है। भारत इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए विभिन्न संभावनाओं पर विचार कर रहा है, जिसमें व्यापारिक विविधीकरण और आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण पर जोर दिया जा रहा है।
भारत और अमेरिका का ‘मिशन 500’
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को मजबूत करने के लिए 13 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘मिशन 500’ की घोषणा की थी। इस मिशन का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करना है।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों की व्यापारिक टीमें बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते के शीघ्र समापन पर चर्चा कर रही हैं। वार्ता में आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, निवेश को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी
भारत अमेरिका के साथ अपनी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को विशेष महत्व देता है। दोनों देश व्यापार, सैन्य सहयोग और तकनीकी विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत और अमेरिका 21वीं सदी के लिए ‘सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के लिए अवसरों को उत्प्रेरित करने’ (कॉम्पैक्ट) को लागू करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि यह व्यापारिक संबंध आपसी समृद्धि का आधार बने और दोनों देशों के नागरिकों के लिए लाभकारी साबित हो। भारतीय उद्योग और निर्यातकों के लिए यह समय सतर्कता और रणनीतिक कदम उठाने का है, ताकि व्यापार पर संभावित प्रभावों को कम किया जा सके और नए अवसरों का लाभ उठाया जा सके।