तेलंगाना सरकार प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और लागत में कटौती के लिए एक बड़े संरचनात्मक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके तहत सभी राज्य स्तरीय कृषि निगमों को एक एकीकृत इकाई में विलय करने की योजना पर सक्रिय विचार चल रहा है। कृषि विभाग इस प्रस्तावित एकीकरण पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के अंतिम चरण में है, जिससे संचालन को सुव्यवस्थित करने और वित्तीय तनाव को कम करने की उम्मीद है।
अविभाजित आंध्र प्रदेश के समय से स्थापित 22 कृषि-संबंधित निगमों में से कई अब अतिव्यापी भूमिकाओं और वित्तीय अस्थिरता से जूझ रहे हैं। इस विलय के दायरे में एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन, हैदराबाद कृषि सहकारी संघ, बागवानी विकास निगम और वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन जैसे प्रमुख संगठन शामिल हैं। वरिष्ठ अधिकारी इन निगमों के परिचालन मॉडल, वित्तीय स्थिति और लाभ-हानि का आकलन कर रहे हैं, ताकि सरकार को सूचित निर्णय लेने में मदद मिले।
यह कदम किसानों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। एकीकृत संरचना से प्रशासनिक ओवरलैप कम होगा और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, फसल खरीद, उर्वरक वितरण और भंडारण जैसे क्षेत्रों में समन्वय बढ़ेगा। इसके अलावा, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) और विपणन संघों के विलय की संभावना पर भी चर्चा हो रही है, जो सहकारिता विभाग के अधीन हैं।
सूत्रों के अनुसार, कई निगम विशिष्ट ऐतिहासिक और राजनीतिक संदर्भों में स्थापित किए गए थे, लेकिन अब इन्हें आधुनिक कृषि प्राथमिकताओं के अनुरूप ढालने की जरूरत है। अंतिम रिपोर्ट के आधार पर सरकार जल्द ही इस विलय पर निर्णय ले सकती है। यह कदम तेलंगाना में कृषि सेवाओं को अधिक एकीकृत, उत्तरदायी और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।