देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अगले वित्तीय वर्ष 2026 के दौरान बड़े पैमाने पर छंटनी का ऐलान किया है। कंपनी अपने कुल वर्कफोर्स का करीब 2 प्रतिशत घटाने जा रही है, जिसका असर लगभग 12,000 से अधिक कर्मचारियों पर पड़ेगा। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब IT सेक्टर वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं, मांग में गिरावट और तकनीकी बदलावों की चुनौतियों से गुजर रहा है।
कंपनी के अनुसार, यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी। जून 2025 की समाप्त तिमाही में टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,000 थी, जिसमें से दो प्रतिशत की कटौती का अर्थ लगभग 12,200 कर्मचारियों की छंटनी है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया वित्त वर्ष 2026 यानी अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक लागू रहेगी और इसका असर उन सभी देशों में देखा जाएगा, जहां टीसीएस कार्यरत है।
टीसीएस ने कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को नई तकनीकों, विशेष रूप से AI और डिजिटल स्किल्स में दोबारा प्रशिक्षण दे रही है, ताकि उन्हें नए बिजनेस मॉडल्स में तैनात किया जा सके। हालांकि, इसके बावजूद कुछ पद अब कंपनी की रणनीतिक जरूरतों के हिसाब से प्रासंगिक नहीं रह गए हैं, इसलिए उन्हें हटाना अनिवार्य हो गया है। कंपनी ने यह भी कहा कि यह बदलाव पूरी सावधानी और योजनाबद्ध तरीके से किया जाएगा ताकि ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई असर न पड़े।
कंपनी के सीईओ के. कृतिवासन ने इस फैसले को अपने करियर का अब तक का सबसे कठिन फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि हम नई तकनीकों और ऑपरेटिंग मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे काम करने के तरीके बदल रहे हैं और कंपनी को ज्यादा चुस्त और भविष्य के लिए तैयार बनाना जरूरी हो गया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मौजूदा समय में क्लाइंट्स नए प्रोजेक्ट शुरू करने में हिचकिचा रहे हैं और उनके फैसलों में लगातार देरी हो रही है, जिससे कंपनी की संचालन रणनीति पर असर पड़ा है।