हरिद्वार के प्रसिद्ध माँ मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 8 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 9:15 बजे हुआ, जब हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे।
माँ मनसा देवी मंदिर हर की पौड़ी से करीब 3 किलोमीटर दूर बिल्व पर्वत पर स्थित है। मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालु तीन मार्गों – सीढ़ी वाला रास्ता, सीमेंटेड रैंप और रोपवे – का उपयोग करते हैं। हादसे के वक्त श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सीढ़ियों वाले मार्ग पर मौजूद थी, जिसमें लगभग 800 सीढ़ियाँ हैं।
घटना स्थल से करीब 100 मीटर पहले, भीड़ में कुछ लोग जल्दी पहुँचने की कोशिश में सुरक्षा दीवार पर चढ़ने लगे। इस हिस्से में दुकानों की भीड़ और तिरपाल लगे होने के कारण एक बिजली का तार टूट गया। इसी दौरान करंट फैलने की अफवाह फैल गई, जिससे अचानक भगदड़ मच गई।
एक चश्मदीद श्रद्धालु ने बताया कि मंदिर की केवल 25 सीढ़ियाँ ही बची थीं, जब यह अफरा-तफरी शुरू हुई। हालांकि हरिद्वार पुलिस ने बिजली के करंट से मौत की बात को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया है। गढ़वाल डिवीजन के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने हादसे का कारण “अत्यधिक भीड़” को बताया।
हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने जानकारी दी कि कुल 35 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 8 की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि बाकी का उपचार जारी है। मृतकों में 6 श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, 1 बिहार और 1 उत्तराखंड से थे।
घटना की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों से स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट ने भी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक मृतक श्रद्धालु के परिवार को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है।