राजस्थान सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए राज्य की 2600 नई ग्राम पंचायतों में आगामी दो वर्षों में ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन करेगी। सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव मंजू राजपाल ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएँ और निर्धारित सभी लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित करें।
सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव मंजू राजपाल ने कहा है कि सहकारी समितियों के गठन के लक्ष्यों में वृद्धि की जाएगी और अधिकारियों को अभी से अपनी तैयारी सुनिश्चित करनी होगी। राज्य में भविष्य में बड़ी संख्या में नई ग्राम पंचायतों के गठन का प्रस्ताव भी है, जिससे सहकारी समितियों के गठन के लक्ष्य और बढ़ेंगे।
कम प्रगति वाले जिलों पर विशेष फोकस रहेगा। इन जिलों को कार्य योजना बनाकर प्रधान कार्यालय भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अगर लक्ष्य प्राप्त नहीं होते तो संबंधित जिलों के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाई की चेतावनी दी गई है। रजिस्ट्रार स्तर पर नियमित निगरानी की जाएगी और एनसीडी पोर्टल पर डेटा अपडेट करना अनिवार्य होगा।
राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में आ चुकी ग्राम पंचायतों की पहचान कर उन्हें अलग करेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में नई समितियों का पंजीकरण एवं केंद्रीय सहकारी बैंकों से जोड़ने की प्रक्रिया सरल बनाएगी। राज्य में भविष्य में भी बड़ी संख्या में नई पंचायतों के गठन एवं सहकारी समितियों के विस्तार का प्रस्ताव है ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती दी जा सके।