सहकारिता समितियों को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी बात कही है। नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं, तो हमें सहकारी समितियों को बढ़ावा देना होगा। कृषि प्रधान राज्य होने के नाते पंजाब इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इन विचारों को पंजाब के अमृतसर में सहकार भारती के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन में साझा किया।
देश भर से आए सहकार भारती के ढाई हजार से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि वे भी सहकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इस संगठन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह सहकारिता क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं और इस संगठन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि 2021 में जब सहकारिता मंत्रालय की स्थापना हुई तो देश में सहयोग के प्रति एक नई जागरूकता पैदा हुई। इसके बाद सहकारिता क्षेत्र को नया गौरव मिला है। हम सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि सहकार भारती ने इसमें सबसे अधिक योगदान दिया है।
नितिन गडकरी ने अपने अतीत के किस्से भी साझा किए, जिसमें बताया कि कैसे शहरी सहकारी बैंकों ने एक चीनी मिल स्थापित करने में मदद की। सहकार भारती के सह-संस्थापक सतीश मराठे के मार्गदर्शन को याद करते हुए उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों को उद्यमशील उपक्रमों का समर्थन करने के लिए प्रेरित करने का श्रेय संगठन को दिया। नितिन गडकरी ने सहकार भारती का प्रतीक चिन्ह और एक विशेष पत्रक जारी किया। उन्होंने पंजाब की सहकारी समितियों को किसानों और मजदूरों को सशक्त बनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
सहकार भारती के आयोजन के दौरान किसानों से संबंधित मुद्दों को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) से जुड़े किसानों का एक समूह केंद्रीय मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कार्यक्रम स्थल के बाहर पहुंच गया। संगठन के झंडे के साथ इन किसानों का नेतृत्व जरमनजीत सिंह बंडाला, सकत्तर सिंह कोटला, जरनैल सिंह नूरदी, बाज सिंह सारंगरा, हरपाल सिधवान और पाखर सिंह लालपुरा जैसे किसान नेता कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और शंभू सीमा पर कथित तौर पर अत्याचार करने को लेकर सरकार को घेरा। इसके बाद हिरासत में लिए गए इन किसान नेताओं को बाद में छोड़ दिया गया।
सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि पहली बार सहकार भारती का राष्ट्रीय सम्मेलन सेवा भूमि अमृतसर की पवित्र धरती पर हो रहा है। सेवा की भावना के साथ अपने इलाके के कार्यकर्ताओं को जागृत मन और अन्य ऊर्जा के साथ मिलकर मुक्ति के लिए काम करना होगा। बैठक अमृतसर में राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर और राष्ट्रीय महासचिव डॉ. उदय जोशी की अध्यक्षता में हुई। सहकारिता को समर्पित सहकारी भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से 2500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।