प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल “परीक्षा पे चर्चा” को एक महीने में नागरिक सहभागिता मंच पर सबसे अधिक लोगों के पंजीकरण के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए सम्मानित किया गया है। यह सम्मान MyGov प्लेटफार्म पर आयोजित “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम के 8वें संस्करण के दौरान हुए 3.58 करोड़ पंजीकरणों के कारण दिया गया है।
सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अधिकारिक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणपत्र औपचारिक रुप से प्रदान किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण), राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, MyGov के सीईओ एवं अन्य प्रमुख अतिथी उपस्थित रहे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के आधिकारिक निर्णायक ऋषि नाथ ने इस रिकॉर्ड की घोषणा की।
परीक्षा को तनावमुक्त उत्सव बनाने की पहल
परीक्षा पे चर्चा’ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित एक अद्वितीय वैश्विक मंच है, जहां वे विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से सीधा संवाद करते हैं। प्रधानमंत्री की यह पहल परीक्षा के मौसम को सकारात्मकता, तैयारी और उद्देश्यपूर्ण शिक्षण का उत्सव बनाती है। इससे परीक्षाएं तनाव का नहीं, बल्कि प्रोत्साहन का अवसर बन जाती हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?
इस दौरान, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘परीक्षा पे चर्चा’ ने परीक्षा प्रणाली को एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण के रूप में पुनर्परिभाषित किया है, जिसमें तनाव को सीखने के उत्सव में बदला गया है। पीपीसी 2025 को 21 करोड़ से अधिक दर्शकों ने विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देखा। यह देश के समावेशी और समग्र शिक्षा के प्रति सामूहिक संकल्प का परिचायक है और विकसित भारत के विजन के अनुरूप है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरुप कदम
भारत सरकार की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में तनाव मुक्त लर्निंग पर जोर दिया गया है। यह छात्रों को किसी विषय को रटकर सीखने की जगह अनुभव आधारित और आलोचनात्मक सोच पर केद्रिंत है।
पहली बार कब आयोजित हुआ परीक्षा पे चर्चा
पहली बार “परीक्षा पे चर्चा” का आयोजन 16 फरवरी, 2018 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूलों और कॉलेजों के 2500 से ज़्यादा छात्र शामिल हुए थे और देशभर के 8.5 करोड़ से ज़्यादा छात्रों ने डीडी/टीवी चैनलों/रेडियो चैनलों पर इस कार्यक्रम को देखा या सुना था।