
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार के कामों को गिनाया
18वीं लोकसभा के पहले बजट सत्र (Budget Session) का आज शुभारंभ हुआ. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने केंद्र सरकार (Central Government) की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) पर भी चर्चा की। महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान देते हुए महामहिम राष्ट्रपति (President Murmu) ने विकसित भारत (Viskit Bharat) का रॉडमैप देश के सामने रखा. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने देश के विकास में सहकारिता (Cooperation) आंदोलन की महत्ता पर भी जोर दिया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सहकार से समृद्धि (Sahkar Se Samriddhi) की भावना पर चलते हुए सरकार ने ‘त्रिभुवन’ सहकारी यूनिवर्सिटी (Tribhuvan Sahkari University) की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में पच्चीस हज़ार बस्तियों को जोड़ने के लिए सत्तर हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। देश में अब इकहत्तर वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत ट्रेन चल रही हैं, जिनमें पिछले छह माह में ही सत्रह नई वंदे भारत और एक नमो भारत ट्रेन को जोड़ा गया है।
महिलाओं का सशक्तिकरण
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार Women Led Development में विश्वास करती है। राष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 10 करोड़ से अधिक महिलाओं का सशक्तिकरण, 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य, बीमा सखी योजना, ड्रोन दीदी योजना के जिक्र के साथ ही सुरक्षाबलों और खेलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रकाश डाला और महिलाओं को विकसित भारत के लक्ष्य का प्रमुख सारथी बताया।
युवाओं पर फोकस
राष्ट्रपति के अभिभाषण में युवाओं के सशक्तिकरण पर भी विशेष जोर दिया गया. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार ने युवाओं की शिक्षा और उनके लिए रोज़गार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष फोकस किया है। मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता देने के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की गई है। एक करोड़ युवाओं को शीर्ष पांच सौ कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर भी दिये जाएंगे। पेपर लीक की घटनाओं को रोकने और भर्ती में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नया कानून लागू किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारा युवा स्टार्टअप्स, स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हर फ़ील्ड में देश का नाम रोशन कर रहा है। MY Bharat पोर्टल के ज़रिये लाखों युवा राष्ट्र निर्माण के कार्यों से जुड़ रहे हैं। मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहल ने युवाओं को रोज़गार के अनेक अवसर प्रदान किए हैं। पिछले दो वर्षों में सरकार ने, रिकॉर्ड संख्या में दस लाख स्थायी सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं और युवाओं के बेहतर कौशल और नए अवसरों के सृजन के लिए दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज स्वीकृत किया है। एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था से युवाओं को ग्राउंड पर काम करने का अनुभव प्राप्त होगा।
भारत: तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
राष्ट्रपति ने कहा कि देश आने वाले समय में जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को पॉलिसी पैरालिसिस जैसी परिस्थितियों से उबारने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति के साथ काम किया है। कोविड और उसके बाद के हालात एवं युद्ध जैसी वैश्विक चिंताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो स्थायित्व एवं resilience दिखाया है, वो उसके सशक्त होने का प्रमाण है।
मेक इन इंडिया जैसी नीतियों के कारण अब बड़े ग्लोबल ब्रांड्स के प्रॉडक्ट्स पर भी ‘मेड इन इंडिया’ के लेबल्स दिखने लगे हैं तो वहीं भारत के छोटे व्यापारी गाँव से लेकर शहरों तक, हर जगह आर्थिक प्रगति को गति देते हैं। केंद्र सरकार छोटे उद्यमियों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते हुए उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर दे रही है।
MSME के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम और ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब्स सभी प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है. दशकों तक हमारे देश के रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाकर आजीविका चलाने वाले भाई-बहन बैंकिंग व्यवस्था से बाहर रहे। आज उन्हें पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिल रहा है। आज देश में छोटे बिजनेस को भी आगे बढ़ने का समान अवसर मिल रहा है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था तमाम अवरोधों के बाद भी तेज गति से आगे बढ़ रही है।
अपने भाषण के अंत में राष्ट्रपति ने विकसित भारत के संकल्प दोहराया और कहा कि आने वाले वर्षों में देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी दृढ़ संकल्पित हैं। इस संकल्प में देश के शहीदों की प्रेरणाएं हैं, पूज्य बापू के मानवीय आदर्श हैं, और सरदार पटेल जैसी मां भारती की संतानों द्वारा हमें दिलाई गई एकता की शपथ है। हमें इन प्रेरणाओं को आगे रखते हुये एकता के इस सामर्थ्य से विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करना है।