प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 23 अगस्त को दिल्ली स्थित पूसा से ‘प्राकृतिक कृषि मिशन’ (Natural Farming Mission) का शुभारंभ करेंगे। इस मिशन का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को सुरक्षित रखना, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना और रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों पर निर्भरता कम करते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने जानकारी दी कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) संस्थान और राज्य सरकारें मिलकर व्यापक तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपनी धरती और पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठा रहा है, बल्कि दुनिया को भी इस दिशा में योगदान देगा।
शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक कर खरीफ व रबी सीजन, खाद-उर्वरकों की उपलब्धता, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्यों में खाद-उर्वरकों की कमी नहीं होनी चाहिए। यदि कहीं भी कालाबाजारी की सूचना मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाए और दोषियों को बख्शा न जाए।
कृषि मंत्रालय ने यह भी निर्णय लिया है कि खरीफ की तर्ज पर अब रबी सीजन के लिए भी “विकसित कृषि संकल्प अभियान” चलाया जाएगा। यह अभियान 3 से 18 अक्टूबर तक ‘विजय पर्व’ के रूप में संचालित होगा।
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि यह अभियान 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती के उपलक्ष्य में दशहरा पर्व मनाने के बाद शुरू होगा। 3 अक्टूबर से विजय पर्व के रूप में इसका शुभारंभ किया जाएगा और 18 अक्टूबर को धनतेरस के दिन इसका समापन होगा। इस अभियान का उद्देश्य कृषि उत्पादन बढ़ाना, किसानों की समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान देना और कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना है।
इससे पहले 15 और 16 सितंबर को दिल्ली में रबी कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें रबी सीजन की चुनौतियों और समाधान पर चर्चा होगी। केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे अभी से रबी सीजन की खाद की आवश्यकता का आकलन कर उसे केंद्र को भेजें, ताकि उर्वरक मंत्रालय के साथ समन्वय करके पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि खाद का गैर-कृषि उपयोग न हो और नकली खाद व पेस्टीसाइड की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत जैविक खाद, औषधि और कीट नियंत्रण के प्राकृतिक तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे मिट्टी की सुपीकता बढ़ेगी, रासायनिक उपयोग से पर्यावरण को होने वाली हानि कम होगी, और किसानों का खर्च भी घटेगा। यह मिशन भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगा।