बिहार सरकार राज्य के युवाओं और किसानों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने जा रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के अंतर्गत डेयरी खोलने पर लागत का अधिकतम 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत देशी गौपालन योजना, समग्र भैंस पालन योजना और समग्र गव्य विकास योजना में आवेदन मांगे गए हैं। इच्छुक आवेदक 25 जुलाई 2025 तक वेबसाइट dairy.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अब तक कुल 6,321 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 2,238 महिलाएं भी शामिल हैं, जो इस क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। देशी गौपालन प्रोत्साहन योजना के तहत अब तक दो दुधारू मवेशी इकाई में 1128 और चार मवेशियों वाली इकाई में 871 आवेदन प्राप्त हुए हैं। समग्र गव्य विकास योजना में दो मवेशियों की श्रेणी में 2201, चार मवेशियों की श्रेणी में 911, पंद्रह मवेशियों की श्रेणी में 161 और बीस मवेशियों की श्रेणी में 116 आवेदन आए हैं। समग्र भैंस पालन योजना में एक भैंस के लिए 113 और दो भैंसों के लिए 820 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
समग्र भैंस पालन योजना 2025-26 के तहत एक या दो उन्नत नस्ल की दूध देने वाली भैंसों की खरीद पर आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसमें अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को 75 प्रतिशत और अन्य वर्गों को 50 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। एक भैंस की लागत 1,21,000 रुपये निर्धारित की गई है, जिसपर अनुसूचित जाति/जनजाति को 90,750 रुपये और अन्य वर्गों को 60,500 रुपये अनुदान मिलेगा। दो भैंसों की लागत 2,42,000 रुपये तय की गई है, जिस पर अनुसूचित जाति/जनजाति को 1,81,500 रुपये और अन्य को 1,21,000 रुपये अनुदान मिलेगा।
देशी गौपालन योजना और समग्र गव्य विकास योजना के तहत दो या चार उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशियों की डेयरी इकाई खोलने पर भी ऋण-सह-अनुदान की सुविधा दी जा रही है। दो मवेशियों की इकाई के लिए 1.74 लाख रुपये और चार मवेशियों की इकाई के लिए 3.90 लाख रुपये की लागत तय की गई है। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 75 प्रतिशत और अन्य वर्गों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। वहीं पंद्रह और बीस मवेशियों की बड़ी इकाइयों के लिए सभी वर्गों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। पंद्रह मवेशियों की इकाई के लिए 15.34 लाख रुपये और बीस मवेशियों की इकाई के लिए 20.22 लाख रुपये की लागत तय की गई है।