किसानों को खरीफ सीजन में बिना किसी असुविधा के समय पर खाद (उर्वरक) उपलब्ध कराए जाने के लिए सहकारिता विभाग ने नई व्यवस्था लागू की है। सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने सभी जिलों के सहायक व संयुक्त आयुक्तों तथा संयुक्त निबंधकों को इसके संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है।
नई व्यवस्था के अनुसार खाद का वितरण अब प्रदेश भर में एम-पैक्स (बहुउद्देशीय सहकारी समितियों) के माध्यम से किया जाएगा।
किसानों की सहूलियत के लिए विशेष प्रबंध
एसओपी में स्पष्ट किया गया है कि समितियों के वितरण केंद्रों पर किसानों को धूप और बारिश से बचाने के लिए शेड और टेंट लगाए जाएं। पंक्ति में खड़े किसानों को बुलाने के लिए माइक या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रयोग किया जाए।
बायोमेट्रिक में आ रही दिक्कतों को रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं कि प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों को साफ रखा जाए और फिंगर प्रिंट स्कैनिंग के समय किसानों को पहले हाथ साफ करने के लिए जागरूक किया जाए।
केवल अपने क्षेत्र के किसानों को खाद वितरण
सहकारिता आयुक्त ने कहा कि समितियां केवल अपने-अपने क्षेत्र के किसानों को खाद दें। सभी वितरण केंद्र प्रतिदिन खुले रहें और पर्याप्त मात्रा में स्टॉक उपलब्ध कराएं, ताकि किसी भी किसान को परेशानी न हो।
बटाईदार और गैर-सदस्यों को भी खाद
महत्वपूर्ण रूप से, किसानों के साथ-साथ बटाईदारों को भी खाद उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए भूस्वामी और बटाईदार के बीच लिखित सहमति-पत्र अनिवार्य होगा। इसी तरह गैर-सदस्य किसान सदस्यता लेकर खाद प्राप्त कर सकेंगे। गैर-सदस्यों को खाद उपलब्ध कराने के बाद उनकी खतौनी और आधार कार्ड की प्रति सुरक्षित रखी जाएगी।
निगरानी और रिपोर्टिंग अनिवार्य
अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्टॉक और वितरण रजिस्टर हमेशा अपडेट रहें। ब्लॉक से लेकर मंडल स्तर तक संबंधित अधिकारी नियमित निरीक्षण करें और हर बुधवार शाम तक रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से मुख्यालय को भेजें।
सहकारिता आयुक्त ने जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय स्तर पर सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से अतिरिक्त खाद का वितरण सुनिश्चित करें। इससे किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो सके और वे खरीफ सीजन की बुवाई में किसी कठिनाई का सामना न करें।