केंद्र सरकार ने प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए पेट्रोल पंप खोलने और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशिप की मंजूरी 2023 में दी थी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने अब इनके लिए संशोधित और एकीकृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है।
सहकारिता मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, PACS को पेट्रोल-डीजल डीलरशिप के लिए संयुक्त श्रेणी 2 (CC-2) और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए संयुक्त श्रेणी (CC) में शामिल किया गया है। अब वे तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) द्वारा जारी विज्ञापनों के अनुसार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, PACS को यह विकल्प दिया गया है जिसके तहत वे एक बार अपने थोक उपभोक्ता पंपों को खुदरा पंपों में परिवर्तित कर सकते हैं। इसके लिए भी मंत्रालय ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
आवेदन और चयन प्रक्रिया
PACS के लिए पात्रता मानदंड भी निर्धारित किए गए हैं, जिसमें पंजीकरण से जुड़े दस्तावेज, भूमि उपलब्धता और वित्तीय स्थिति से संबंधित विवरण जमा करना शामिल है। तेल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, देशभर के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 286 PACS ने खुदरा पेट्रोल पंप खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। इनमें से 26 PACS का चयन किया गया है।
इसके अलावा, थोक उपभोक्ता पंपों को खुदरा आउटलेट में बदलने के लिए 5 राज्यों के 116 PACS ने अनुमति मांगी है। इनमें से 56 PACS पहले ही कमीशन किए जा चुके हैं। झारखंड में दो PACS ने एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन किया है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से PACS को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा आपूर्ति बेहतर होने की उम्मीद है।