राजस्थान सरकार सहकारी संस्थानों में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नई सहकारी संहिता लागू करने जा रही है। यह कदम सहकारी समितियों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार साबित होगा। सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने विधानसभा में बताया कि इस संहिता से प्रशासनिक सुधारों को गति मिलेगी और समितियों के कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
हाईटेक खरीद केंद्र और बायोमैट्रिक सत्यापन
राज्य सरकार खरीद केंद्रों को हाईटेक बना रही है। अब बायोमैट्रिक सत्यापन के बिना फसल की खरीद नहीं होगी। किसानों को स्वयं उपस्थित होकर फसल बेचनी होगी, अन्यथा MSP पर खरीद नहीं होगी। खरीद केंद्रों पर फिंगरप्रिंट सत्यापन अनिवार्य किया गया है, जिससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा।
डिजिटलीकरण से सहकारिता क्षेत्र में नई ऊर्जा
सरकार सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण पर जोर दे रही है। अब तक 6,781 समितियों का कम्प्यूटरीकरण हो चुका है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो गई है। संपत्ति और अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे डेटा प्रबंधन सुचारू और सुरक्षित बनेगा।
किसानों के हितों की रक्षा और जवाबदेही
राज्य सरकार किसानों को वित्तीय दबाव से राहत देने के लिए सख्त कदम उठा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में किसानों के साथ अनुचित व्यवहार करने वाले अधिकारियों या बीमा कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी। मंत्री दक ने कहा कि किसानों के अधिकारों की रक्षा सरकार की प्राथमिकता है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
राजस्थान सरकार इन सुधारों के माध्यम से पारदर्शिता, दक्षता और कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी बना रही है। यह पहल न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगी।