नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) अब उपभोक्ताओं के लिए और मजबूत प्लेटफॉर्म बन गई है। केंद्र सरकार ने 22 सितंबर 2025 से इसे जीएसटी सुधारों से जोड़ने की बड़ी पहल की है। इसका सीधा अर्थ है कि अगर किसी उपभोक्ता को नए टैक्स रेट्स या बिलिंग में गड़बड़ी दिखती है तो वह तुरंत शिकायत दर्ज करा सकता है। यह कदम उपभोक्ता अधिकारों को और मज़बूत बनाने और बाजार व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम साबित होगा।
NCH पोर्टल में नई कैटेगरी
NCH का INGRAM पोर्टल अब उपभोक्ताओं के लिए नई सुविधा लेकर आया है। इसमें ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, ई-कॉमर्स, FMCG और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसी कई उप-श्रेणियां जोड़ी गई हैं। इससे उपभोक्ता सीधे अपने सेक्टर से जुड़ी शिकायत दर्ज कर पाएंगे।
कंपनियों की जिम्मेदारी तय
17 सितंबर 2025 को उपभोक्ता मामलों के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने साफ कर दिया कि यदि कंपनियों को जीएसटी दर कटौती का लाभ मिलता है, तो यह फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाना अनिवार्य है। कई बार देखा गया है कि टैक्स दर कम होने के बावजूद कंपनियां कीमतों में कमी नहीं करतीं। इस पर सरकार ने ई-कॉमर्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों को चेतावनी दी है कि यदि ऐसा दोबारा हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।
शिकायतों का त्वरित निपटान
NCH पर आने वाली शिकायतों का डेटा सीधे CBIC और संबंधित कंपनियों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि जांच और कार्रवाई समय पर हो सके। इससे शिकायतों का निपटान और तेज और पारदर्शी होगा।
कहां और कैसे करें शिकायत
NCH उपभोक्ताओं के लिए एक सिंगल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य कर रहा है। शिकायत दर्ज करने के लिए कई माध्यम उपलब्ध हैं:
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टोल-फ्री नंबर: 1915
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INGRAM पोर्टल: www.consumerhelpline.gov.in
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WhatsApp, SMS, ईमेल
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NCH मोबाइल ऐप, उमंग ऐप और वेब पोर्टल
सबसे बड़ी सुविधा यह है कि उपभोक्ता 17 भाषाओं में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा पंजाबी, कश्मीरी, गुजराती, मराठी, बंगाली, उड़िया, असमिया और तमिल में भी शिकायत संभव है।
बढ़ता डिजिटल रुझान
NCH की पहुंच पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ी है। दिसंबर 2015 में जहां हर महीने लगभग 12,500 कॉल्स आती थीं, वहीं दिसंबर 2024 तक यह संख्या 1.55 लाख तक पहुंच गई। 2017 में औसतन 37,000 शिकायतें दर्ज होती थीं, जो 2025 में बढ़कर 1.70 लाख हो गईं। इसमें से करीब 65% शिकायतें अब डिजिटल माध्यम से आ रही हैं।
उपभोक्ताओं के लिए महत्व
इस नई सुविधा का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। अगर किसी ग्राहक को लगता है कि जीएसटी कटौती का लाभ उसे नहीं मिला या बिलिंग में टैक्स की गड़बड़ी हुई है, तो वह शिकायत दर्ज कर सकता है और उसकी स्थिति भी देख सकता है। अब कंपनियों के लिए बिल में गड़बड़ी करना या टैक्स दर का गलत फायदा उठाना आसान नहीं होगा।