भारत सरकार की बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय सहकारी नीति 2025 का औपचारिक शुभारंभ 24 जुलाई को किया जाएगा। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह दिल्ली स्थित अक्षय ऊर्जा भवन में इस नीति को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह नीति 2045 तक अमल में रहेगी। नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति के तत्वाधान में ही हर राज्य की सहकारिता नीति वहां की सहकारिता की स्थिति के अनुरूप बनाई जाएगी और इसके लक्ष्य भी निर्धारित किए जाएंगे। पूरे देश में सहकारिता के क्षेत्र में अनुशासन, नवाचार और पारदर्शिता लाने का काम इस मॉडल एक्ट से होगा।
इस नीति के निर्माण हेतु केंद्र सरकार ने 2 सितंबर, 2022 को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति में सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ राष्ट्रीय, राज्य, जिला और प्राथमिक स्तर की समितियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था। इसके अलावा सहकारिता मंत्रालय और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस समिति में शामिल थे।
समिति ने एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के तहत 17 बैठकें आयोजित कीं और देश के विभिन्न हिस्सों में चार क्षेत्रीय कार्यशालाएँ भी कीं, जिनमें सहकारी समितियों, राज्य सरकारों और उद्योग विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त किए गए। इन सभी सुझावों को नीति के मसौदे में सावधानीपूर्वक शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार का प्रयास है कि आजादी के शताब्दी वर्ष 1947 तक भारत एक आदर्श कोऑपरेटिव देश बन जाए। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के साथ हुई मंथन बैठक में राज्यों से कहा कि 2 लाख बहुउद्देशीय पैक्स के निर्माण के निर्णय के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लक्ष्य को फरवरी महीने में ही हासिल कर लिया जाए, तभी हम 2 लाख पैक्स के लक्ष्य तक समय से पहुंच सकेंगे।