ग्रामीण समृद्धि और सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए नाबार्ड उत्तर प्रदेश ने अपने 44वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को समर्पित रहा, जिसमें सहकारिता के महत्व और उसकी भूमिका को रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर ने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सहकारी संस्थाएं समावेशी और सतत विकास की नींव हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक (UPCB) का मुनाफा 2017 से अब तक तीन गुना बढ़ चुका है और जिला सहकारी बैंकों (DCCBs) का कारोबार ₹41,234 करोड़ तक पहुँच गया है।उन्होंने बताया कि “सहकार सारथी” योजना के अंतर्गत सभी DCCBs को डिजिटलीकरण की दिशा में ले जाया जा रहा है।
साथ ही प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को सशक्त बनाने के लिए 5,700 निष्क्रिय सदस्यों को पुनः सक्रिय किया गया है और 3,500 नए सदस्य जोड़े गए हैं, जिससे ₹884.85 लाख की शेयर पूंजी का संकलन हुआ है। राज्य में 2,000 मल्टीपरपज़ पैक्स (एम-पैक्स) का गठन किया गया है और 375 गोदामों को कृषि अवसंरचना निधि (AIF) के अंतर्गत मंजूरी दी गई है। इस अवसर पर पैक्स एक नया आयाम शीर्षक से एक प्रकाशन का विमोचन भी हुआ।
समारोह में मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर की DCCBs को उनकी वित्तीय प्रगति के लिए भी सम्मनित किया गया। लखीमपुर खीरी और मेरठ के पैक्स को ऋण कार्य में और बिजनौर और शाहजहांपुर के पैक्स को गैर-ऋण कार्यों में सराहनीय योगदान के लिए सम्मान प्रदान किया गया। बी-पैक्स सनौली को सहकारिता मंत्रालय की पहलों के आदर्श क्रियान्वयन के लिए “वर्ष का सर्वश्रेष्ठ एम-पैक्स” पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस विशेष अवसर पर नाबार्ड ने प्रदेश के 75 जिलों में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। सहकारिता मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से इन शिविरों में भाग ले रहे किसानों से सीधा संवाद भी किया।
कार्यक्रम में FPOs और पैक्स द्वारा बनाए गए उत्पादों की एक जीवंत प्रदर्शनी लगाई गई, जिससे ग्रामीण उद्यमिता को मंच मिला। इसके साथ ही, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत सभी जिलों में वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलाए गए।
समारोह में नाबार्ड उत्तर प्रदेश के मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार, प्रमुख सचिव सौरभ बाबू, रजिस्ट्रार योगेश कुमार, भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक, एनबीएससी की सीजीएम शेफाली अग्रवाल और बर्ड के निदेशक डॉ. निरुपम मेहरोत्रा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।