मध्य प्रदेश में लंबे समय से टलते आ रहे सहकारी समितियों के चुनाव अब होने वाले हैं। राज्य के सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी एम.बी. ओझा ने ऐलान किया है कि ये चुनाव 1 मई से सितंबर तक पांच चरणों में कराए जाएंगे। करीब 4500 सहकारी समितियों में चुनाव होंगे, जिनमें 53 हजार से ज्यादा सदस्य चुने जाएंगे।
चुनाव का चरणबद्ध कार्यक्रम:
• पहला चरण: 1 मई से 23 मई
• दूसरा चरण: 13 मई से 4 जुलाई
• तीसरा चरण: 23 जून से 22 अगस्त
• चौथा चरण: 5 जुलाई से 31 अगस्त
• पाँचवां चरण: 14 जुलाई से 7 सितंबर
इन चुनावों के बाद राज्य के 38 जिला सहकारी बैंकों और 1 अपेक्स बैंक के संचालक मंडल के भी चुनाव कराए जाएंगे। हैरानी की बात ये है कि ये चुनाव 2013 के बाद अब जाकर हो रहे हैं। नियम तो कहते हैं कि किसी समिति का कार्यकाल खत्म होने के छह महीने के अंदर चुनाव हो जाना चाहिए, लेकिन 2018 में कार्यकाल खत्म होने के बाद से अब तक चुनाव नहीं हो पाए थे।
चुनाव आयोग का कहना है कि जिलों से सदस्यता सूचियाँ मंगाई जा रही हैं और जैसे ही सूचियाँ पूरी होंगी, चुनाव प्रक्रिया तेज़ कर दी जाएगी। अगर यह चुनाव तय समय पर हो जाते हैं, तो प्रदेश भर में 55 हजार से ज़्यादा प्रतिनिधियों की नियुक्ति होगी।
इन चुनावों से सहकारी संस्थाओं में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूती मिलेगी और जो प्रशासनिक सुस्ती लंबे वक्त से चल रही है, उस पर भी रोक लगेगी।