सरकार की प्रमुख डिजिटल कृषि पहल ई-नाम (इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार) किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि 30 जून, 2025 तक देश की 1,522 मंडियाँ ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ चुकी हैं।
अब तक कितना व्यापार संपन्न हुआ?
अब तक इस प्लेटफॉर्म पर 1.79 करोड़ किसान, 2.67 लाख व्यापारी और 4,518 किसान उत्पादक संगठन (FPO) पंजीकृत हो चुके हैं। इनके माध्यम से 4.39 लाख करोड़ रुपये का व्यापार संपन्न हुआ है।
ई-नाम से मिलने वाली सुविधाएँ
ई-नाम किसानों को अपनी उपज सीधे खरीदारों को बेचने, बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने और बेहतर मूल्य प्राप्त करने की सुविधा देता है। यह प्लेटफॉर्म वास्तविक समय मूल्य निर्धारण, गुणवत्ता ग्रेडिंग, ऑनलाइन बिडिंग और ई-भुगतान जैसी आधुनिक सुविधाएँ प्रदान करता है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है और समय पर भुगतान संभव होता है।
किसानों का डिजिटल एकीकरण
ई-नाम का विस्तार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्तावों के अनुसार किया जा रहा है, जिससे देशभर की विनियमित मंडियाँ एक अखिल भारतीय डिजिटल व्यापार नेटवर्क का हिस्सा बन रही हैं। यह प्रणाली समान गुणवत्ता मानकों, सुसंगत व्यापार प्रथाओं और कुशल लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देकर किसानों को व्यापक बाजार पहुँच और डिजिटल एकीकरण की ओर ले जा रही है।