देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और अब तक 26 राज्यों में इसकी सक्रियता दर्ज की गई है। इसके चलते कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
गुजरात के सूरत शहर में रविवार शाम को मानसून की एंट्री के बाद से ही तेज बारिश जारी है। सोमवार सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक सिर्फ चार घंटे में 7 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके कारण शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया है और प्रशासन को स्कूलों की छुट्टी घोषित करनी पड़ी। इस बारिश ने 2006 की बाढ़ की याद ताजा कर दी है जब सूरत का अधिकांश हिस्सा जलमग्न हो गया था।
मध्य प्रदेश में चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) और ट्रफ के चलते भारी बारिश का सिस्टम अगले 4 दिनों तक सक्रिय रहेगा। टीकमगढ़ जिले में रविवार को 9 इंच बारिश दर्ज की गई। इससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है।
राजस्थान के माउंट आबू में भी 24 घंटे में 7 इंच वर्षा हुई है। नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण कई गांवों और कस्बों का संपर्क टूट गया है। अब तक राज्य में औसत से 133% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
ओडिशा के करीब 50 गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। एक महिला तेज धार में बह गई जिससे उसकी मृत्यु हो गई। राज्य में NDRF, SDRF और ODRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।
हिमाचल प्रदेश में भी मूसलधार बारिश और आकाशीय बिजली के कहर ने जान ली है। कांगड़ा जिले में खेत में काम कर रहे एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई। कुल्लू जिले की सैंज घाटी में नालों में बाढ़ और पहाड़ों से गिरे मलबे से पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
लाहुल घाटी में बाढ़ के कारण सिंचाई योजनाओं को भारी नुकसान हुआ है और चंद्रभागा नदी के बहाव को कुछ समय के लिए मलबे ने रोक दिया, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
झारखंड में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश के चलते नदियों में उफान और कई मौतों की खबरें सामने आई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबंधित अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून अगले दो दिनों में दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में पहुंच सकता है। साथ ही पूर्वोत्तर भारत में भी भारी बारिश का दौर अगले 3 दिनों तक जारी रहने की संभावना जताई गई है।