गन्ना किसानों के लिए केंद्र सरकार ने एक और बड़ी राहत का ऐलान किया है। आगामी 2025-26 सत्र के लिए गन्ने की एफआरपी (Fair and Remunerative Price) बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिया गया।
यह नई दर 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले सत्र से लागू होगी। एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य होता है, जो चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदने पर देना ही होता है। इससे पहले की दर से यह मूल्य वृद्धि किसानों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा है।
किसानों को होगा सीधा फायदा
देश में लगभग 5 करोड़ गन्ना किसान और उनके आश्रित इस फैसले से लाभान्वित होंगे। साथ ही लगभग 5 लाख श्रमिक जो चीनी मिलों में कार्यरत हैं, उनकी आजीविका भी इससे जुड़ी है। इसके अलावा लाखों लोग इस क्षेत्र से जुड़ी सप्लाई चेन, मजदूरी, और ट्रांसपोर्ट जैसी गतिविधियों में भी लगे हुए हैं।
अब तक के भुगतान का भी रिकॉर्ड बेहतर
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 सत्र में देय 1,11,782 करोड़ रुपये में से 28 अप्रैल 2025 तक 1,11,703 करोड़ रुपये, यानी 99.92% भुगतान किया जा चुका है।
वहीं 2024-25 सत्र में देय 97,270 करोड़ रुपये में से अब तक 85,094 करोड़ रुपये यानी 87% भुगतान हो चुका है।
शुगर रिकवरी के आधार पर मिलेगा बोनस
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यदि गन्ने से चीनी की प्राप्ति दर 10.25% से अधिक होती है, तो किसानों को प्रति 0.1% पर 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम मिलेगा।
वहीं, दर घटने पर भी यही नियम लागू होगा। हालांकि 9.5% से नीचे की रिकवरी पर भी 329.05 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम भुगतान तय किया गया है।