पुणे स्थित महागणपति मल्टिस्टेट कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी अब खुद को पूर्ण रूप से सहकारी बैंक में बदलने की संभावना तलाश रही है। यह कदम नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसायटीज लिमिटेड (NAFCUB) की टास्क फोर्स की सिफारिशों के अनुरूप है।
इस प्रस्ताव को सोसायटी की आगामी वार्षिक आमसभा (AGM) में रखा जाएगा।
चेयरमैन विकास विठ्ठल बेंगडे पाटिल ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“हमें नेफकॉब से आरबीआई को बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने का पत्र मिला है। हम प्रक्रिया का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही आवेदन करेंगे। भले ही हमारी सोसायटी छोटी है, लेकिन हमारे सपने बड़े हैं।”
गौरतलब है कि पूंजी, जमा राशि, गवर्नेंस और वित्तीय अनुशासन के आधार पर टास्क फोर्स ने सिर्फ 42 सहकारी संस्थाओं को शॉर्टलिस्ट किया है, जिनमें महागणपति मल्टिस्टेट भी शामिल है।
पाटिल ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में सोसायटी ने नवोन्मेषी कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं, आधुनिक डिजिटल तकनीकें अपनाई हैं, नियमित रूप से आकर्षक ब्याज दरें दी हैं, कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर जोर दिया है और सरकारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया है।
उन्होंने आगे कहा,“यह सिफारिश केवल मान्यता ही नहीं, बल्कि संस्था की सतत सफलता और राष्ट्रीय विश्वसनीयता का प्रमाण भी है।”