तीर्थराज प्रयागराज (Prayagraj) में सनातन धर्म के सबसे बड़े समागम महाकुभ (Mahakumbh 2025) का शुभारंभ हो गया है। सोमवार 13 जनवरी को पहले स्नान पर पवित्र संगम (Triveni Sangam) में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। प्रयागराज (Prayagraj Mahakumbh) में आयोजित होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh) का एक विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण हैं। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है जिसे ‘त्रिवेणी संगम’ कहा जाता है।
मान्यता है कि कुंभ (Kumbh Mela 2025) में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। समुद्र के मंथन से निकले अमृत को पाने के लिए देवताओं और राक्षसों में 12 वर्षों तक युद्ध चला। इस युद्ध के दौरान कलश में से जिन स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरीं वहां पर कुंभ (Mahakumbh 2025) मेला आयोजित किया जाता है। कुंभ के दौरान विशेष तिथियों को किए जाने वाले स्नान को शाही स्नान (Shahi Snan) कहा जाता है। पहला शाही स्नान मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर 14 जनवरी को होगा। इस बार पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति लगातार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath) ने शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान कर दिया है।
महाकुंभ में अमृत स्नान अर्थात शाही स्नान के कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है। इस दौरान सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं। नागा साधुओं के स्नान करने की प्राथमिकता सदियों से चली आ रही है। इसके पीछे एक धार्मिक मान्यता है। इसके अलावा गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों के लिए महाकुंभ में स्नान के नियम कुछ अलग हैं। गृहस्थ लोगों को नागा साधुओं बाद ही संगम में स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय 5 डुबकी जरूर लगाई जाती हैं, तभी स्नान पूरा माना जाता है। संगम में स्नान के समय साबुन या शैंपू का इस्तेमाल नहीं किया जाता क्योंकि इसे पवित्र जल को अशुद्ध करने वाला माना जाता है।
महाकुंभ में स्नान के बाद प्रयागराज के प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन भी जरूर किए जाते हैं। कुंभ स्नान के बाद संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान जी, अक्षय वट, नागवासुकी मंदिर और अलोपी देवी मंदिर के दर्शन करने की लोक मान्यता है।
प्रयागराज महाकुंभ में कुल 6 अमृत स्नान होंगे। पौष पूर्णिमा पर पहला शाही स्नान। इसके बाद अन्य शाही स्नान की तिथियां इस प्रकार हैः
• मकर संक्रांति: 14 जनवरी, 2025
• मौनी अमावस्या: 29 जनवरी, 2025
• बसंत पंचमी: 3 फरवरी, 2025
• माघ पूर्णिमा: 12 फरवरी, 2025
• महाशिवरात्रि: 26 फरवरी, 2025