कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) द्वारा देशभर के पशुपालकों (Farmers) के लिए व्यापक कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है, जिसका उद्देश्य पशुपालकों की कमाई में वृद्धि करना और पशुधन की देखभाल में होने वाले खर्च को कम करना है। इसके तहत किसानों एवं पशुपालकों (Animal husbandry) को आधुनिक पशुपालन की तकनीक, पशु स्वास्थ्य देखभाल तथा दूध विपणन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने भोपाल Bhopal) में आयोजित एक कार्यक्रम बताया कि पशुपालकों की बेहतर आय और पशुओं की बीमारी पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए देशभर में पशुपालन मेलों का आयोजन किया जाएगा। इन मेलों के माध्यम से पशुपालकों और किसानों को आधुनिक पशुपालन संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें पशुओं के प्राथमिक उपचार, पोषण और गहन देखभाल की जानकारी दी जाएगी। इस से पशु स्वास्थ्य की रक्षा के साथ पशुधन की उत्पादकता बढ़ेगी और बीमारी के समय होने वाले वित्तीय नुकसान को कम किया जा सकेगा।
सरकार ने मिल्क प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना का निर्णय किया है, जिससे पशुपालकों के दूध की समय पर और सही कीमत पर बिक्री सुनिश्चित की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि दूध, मांस और अन्य पशुपालन उत्पादों के सही मूल्य निर्धारण के लिए सरकार तेज़ी से काम कर रही है। इसके साथ ही गाय, भैंस, बकरी और भेड़ पालन पर विशेष फोकस किया गया है, ताकि छोटे पशुओं को भी आय का बड़ा साधन बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके।
किसानों और पशुपालकों के लिए FPO (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) बनाए जाएंगे, जिससे उन्हें पशुओं की खरीद, शेड निर्माण और देखरेख के लिए आसानी से वित्तीय सहायता मिल सके। इन संगठनों द्वारा दूध व अन्य मूल उत्पादों की बिक्री के लिए प्रोसेसिंग यूनिटों का भी इंतजाम किया जाएगा, जिससे पशुपालकों को बिचौलियों की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी और उत्पाद का मूल्य सीधे उनके खाते में जाएगा।
मंत्री शिवराज सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को रामकृष्ण परमहंस और गाय के महत्व की प्रेरणादायक कथा भी सुनाई, जिसमें भारतीय संस्कृति में पशुओं के प्रति संवेदना और सम्मान पर बल दिया गया। उन्होंने बताया कि भारत में पशुओं को देवताओं का प्रतीक माना जाता है और केंद्र सरकार उनकी देखभाल व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
इन पहलों के तहत पशुपालकों को प्रशिक्षण के साथ पशुधन की देखरेख, बीमारी की रोकथाम, बेहतर प्रबंधन, उत्पाद की गुणवत्ता और मार्केटिंग की व्यापक जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, आधुनिक पशुपालन तकनीकों, वित्तीय सहायता, बीमा और कस्टमर सपोर्ट जैसे पहलुओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी।