
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति ने सोमवार शाम को ज्ञानेश कुमार को देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने की सिफारिश की।
देश को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) मिल गया है। ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली समिति ने नया मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) नियुक्त किया है। ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के सदस्यों की नियुक्ति के नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं।
इसके साथ ही हरियाणा कैडर के 1989 बैच के IAS अधिकारी विवेक जोशी को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है। नए CEC ज्ञानेश कुमार की बात करें तो वह बुधवार यानी 19 फ़रवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त की ज़िम्मेदार संभालेंगे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार ?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी हैं. 31 जनवरी, 2024 को ज्ञानेश कुमार यूनियन कोऑपरेशन सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए थे। इसके दो महीने बाद 14 मार्च, 2024 को इन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया था। उन्होंने इससे पहले पांच साल गृह मंत्रालय में काम किया था, जहां वह मई 2016 से लेकर सितंबर 2018 तक संयुक्त सचिव और उसके बाद सितंबर 2018 से लेकर अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सचिव के पद पर थे।
मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा। उनके कार्यकाल में 20 विधानसभा चुनाव होंगे। साथ ही 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव की तैयारी भी उन्हीं के कार्यकाल में होगी।
कांग्रेस का विरोध
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाली समिति में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी भी शामिल हैं. उन्होंने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की प्रक्रिया का विरोध किया है। राहुल गांधी का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति स्थगित कर देना चाहिए।
नए कानून के तहत अब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले पैनल में सीजेआई नहीं होंगे। पुराने कानून के तहत पैनल में सीजेआई के शामिल होने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव किया था, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस का कहना है कि जब तक इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए।