अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में नेशनल युवा कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एनवाईसीएस) इस वर्ष नवंबर में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय युवा सहकार सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। यह आयोजन नई दिल्ली में थिंक टैंक पॉलिसी वॉच इंडिया फाउंडेशन (PWIF) के सहयोग से होगा। इस सम्मेलन का मुख्य विषय रखा गया है – “युवा सहकारः विकसित भारत का आधार”।
सम्मेलन की आधिकारिक घोषणा राजधानी दिल्ली के एनसीयूआई सभागार में एक कार्यक्रम के दौरान की गई, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिव प्रकाश सिंह और दिल्ली सरकार के सहकारिता मंत्री रविंद्र इंद्राज सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर सम्मेलन की विस्तृत विवरणिका का विमोचन भी किया गया और सहकारिता मॉडल के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
सहकारिता से मिलेगा विकसित भारत का मार्ग
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश सिंह ने एनवाईसीएस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत सहकारिता की ताकत से दुनिया में एक नया संदेश देगा। उन्होंने कहा कि एनवाईसीएस युवाओं के कौशल विकास और स्वरोजगार बनाने में लगातार कार्य कर रही है तथा स्वरोजगार की चाह रखने वाले युवाओं के लिए रोल मॉडल बन सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सहकारिता मॉडल ही वह आधार है, जिसमें सभी की आर्थिक उन्नति की क्षमता मौजूद है।
दिल्ली के सहकारिता मंत्री श्री रविंद्र इंद्राज सिंह ने अपने संबोधन में सहकारी बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए एक सलाहकार समिति बनाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य यह देखना है कि दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वाले और छोटे व्यापारी सहकारी बैंकों से न्यूनतम ब्याज पर आसान कर्ज कैसे प्राप्त कर सकें। उनका कहना था कि सहकारिता केवल बड़े उद्योग नहीं, बल्कि समाज की सबसे छोटी आर्थिक इकाई को भी शक्ति प्रदान करती है।
एनवाईसीएस ने 25 साल पूरे किए
एनवाईसीएस के चेयरमैन श्री राजेश पांडे ने संस्था के 25 वर्ष पूरे होने पर उसकी उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संगठन का सबसे बड़ा संसाधन उसका देशभर में फैला नेटवर्क है, जो लगभग प्रत्येक जिले में सक्रिय है। उनके अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन को ध्यान में रखते हुए युवाओं को सहकारिता से जोड़ना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि भारत आने वाले 20 वर्षों तक युवा देश बना रहेगा। इसलिए इस सम्मेलन में इस बात पर चर्चा होगी कि युवाओं की शक्ति का इस्तेमाल देश के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में किस प्रकार किया जा सकता है।
सहकारिता से नई संभावनाओं के द्वार
इस कार्यक्रम में एनवाईसीएस के प्रेसीडेंट श्री प्रकाश चंद्र साहू ने कहा कि संगठन की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। एनवाईसीएस आज युवाओं और स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से रोजगारोन्मुखी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। वहीं संगठन के एमडी और सीईओ श्री रविंद्र कुलकर्णी ने बताया कि एनवाईसीएस युवाओं के लिए क्षमता निर्माण, वित्तीय साक्षरता, प्रबंधन प्रशिक्षण, और उद्यमिता विकास जैसी गतिविधियों पर निरंतर काम कर रहा है।
सम्मेलन के उद्देश्य
आगामी अंतरराष्ट्रीय युवा सहकार सम्मेलन 2025 का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सहकारिता क्षेत्र से जोड़ना और उन्हें जागरूक करना है। इसके अतिरिक्त, इस आयोजन से निम्नलिखित पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाएगा—
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तकनीक के इस्तेमाल से सहकारी क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाना।
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राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवा प्रतिभाओं का सम्मान करना।
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रोजगार और उद्यमिता में अधिक अवसर उत्पन्न करना।
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ग्रामीण और शहरी दोनों समाजों को एक साझा आर्थिक मंच पर लाना।
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सहकारिता को विकसित भारत में योगदान करने के प्रमुख मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना।
एनवाईसीएस की यात्रा और उपलब्धियां
1999 में स्थापित नेशनल युवा कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एनवाईसीएस) बहु-राज्यीय सहकारी समिति अधिनियम 1984 के अंतर्गत पंजीकृत है। यह संस्था मल्टीस्टेट, मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी के रूप में देशभर के युवाओं को स्वरोजगार, उद्यमिता, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए सहयोग करती है।
आज एनवाईसीएस का नेटवर्क 603 जिलों तक फैला हुआ है। यहाँ युवाओं को बुक-कीपिंग, मार्केटिंग स्किल, टीम मैनेजमेंट, लीडरशिप और सॉफ्ट स्किल्स जैसी ट्रेनिंग दी जाती है। इन प्रयासों का उद्देश्य अगली पीढ़ी को आत्मनिर्भर और उत्पादक बनाना है, ताकि “विकसित भारत 2047” का सपना साकार किया जा सके।