प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सिंगना गांव में अब अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र खोला जाएगा। इसका नाम होगा सीएसएआरसी (CSARC)। यह केंद्र खासतौर पर आलू और शकरकंद की खेती और उससे जुड़ी तकनीकों पर काम करेगा।
इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य है किसानों की आमदनी बढ़ाना, आलू और शकरकंद की उपज बढ़ाना, उन्हें स्टोर करने के बेहतर तरीके खोजना और इनकी प्रोसेसिंग व मार्केटिंग को मजबूत बनाना। इसका फायदा सीधे तौर पर किसानों को मिलेगा।
आलू और शकरकंद जैसी फसलों से जुड़ा क्षेत्र भारत में बहुत बड़ा है और इससे रोजगार के हजारों मौके बन सकते हैं – जैसे कि खेती, पैकेजिंग, परिवहन और बिक्री। यह केंद्र किसानों को नई किस्मों के बीज, वैज्ञानिक जानकारी और जलवायु के अनुसार खेती की सलाह देगा।
सीएसएआरसी में ऐसे आलू और शकरकंद विकसित किए जाएंगे जो ज्यादा उपज दें, पोषण से भरपूर हों और बदलते मौसम को भी झेल सकें। इसका फायदा न सिर्फ भारत को बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के देशों को होगा।
यह कदम भारत को आलू क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाएगा और गांवों में रोजगार बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।