भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। Axiom-04 मिशन के तहत, भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 24 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुआ। यह मिशन नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का संयुक्त मिशन है। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 25 जून 2025 को शाम 4 बजे (अमेरिकी समयानुसार सुबह 7 बजे) ISS के साथ डॉक करेगा।
इस मिशन में भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जो 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। यह Axiom का चौथा निजी मिशन है, जो वैश्विक सहयोग और सतत अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उड़ान भरने के साथ ही शुभांशु शुक्ला का पहला मैसेज सामने आया है। स्पेसक्राफ्ट से पहला मैसेज भेजते हुए शुभांशु ने कहा-
नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियो, 41 साल बाद हम फिर से अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी के चारों ओर घूम रहे हैं. मेरे कंधे पर तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, आप सभी मेरे साथ है. यह मेरी यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं है, ये भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है. मैं चाहता हूं कि आप सभी इस सफ़र का हिस्सा बनें. आपका सीना भी गर्व से चौड़ा होना चाहिए. आइए हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें. जय हिंद! जय भारत!
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुंभाशु शुक्ला के अंतरिक्ष यात्रा पर जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मिशन सफल होने की कामना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-
हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल लॉन्च का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर गए हैं। उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस उपलब्धि पर गर्व जताया। उनके कार्यालय के X हैंडल से लिखा गया-
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, पूरा देश सितारों की एक भारतीय की यात्रा पर उत्साहित और गर्वित है। अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्री साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है, वसुधैव कुटुम्बकम। इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं, जो नासा और इसरो के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाता है। चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोग वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण के नए आयाम स्थापित करेंगे।
यह मिशन न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग का प्रतीक है, बल्कि भारत की वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उभरती भूमिका को भी दर्शाता है।