अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी नवीनतम वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) अपडेट रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 और 2026 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। यह अनुमान अप्रैल की तुलना में थोड़ा बेहतर है, जो दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर अनुकूल परिस्थितियों का लाभ मिल रहा है। वर्ष 2025 के लिए 0.2 प्रतिशत यानी 20 आधार अंक और वर्ष 2026 के लिए 0.1 प्रतिशत यानी 10 आधार अंक की वृद्धि की गई है।
IMF ने क्यों बढाया ग्रोथ का अनुमान?
IMF ने कहा कि भारत की यह स्थिर वृद्धि सुधारों की गति, मजबूत खपत, और सार्वजनिक निवेश में तेजी के चलते संभव हो रही है। IMF की रिसर्च डिपार्टमेंट की डिवीजन चीफ डेनिज़ इगन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत में हमें वास्तव में एक स्थिर और मजबूत वृद्धि देखने को मिल रही है।”
वित्त वर्ष व कैलेंडर वर्ष के आधार पर भारत की जीडीपी
वर्ष 2024 में भारत की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही थी, और वर्ष 2025 व 2026 के लिए यह 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। IMF के अनुसार, भारत के लिए दिए गए आंकड़े वित्तीय वर्ष के आधार पर हैं, जबकि कैलेंडर वर्ष के आधार पर यह वर्ष 2025 में 6.7 प्रतिशत और वर्ष 2026 में 6.4 प्रतिशत होगी।
IMF अनुसंधान विभाग की प्रमुख ने क्या कहा?
डेनिज़ इगन ने कहा कि आगे चलकर भारत के लिए आवश्यक होगा कि वह रोजगार सृजन को बढ़ावा दे और कृषि क्षेत्र से अतिरिक्त श्रमिकों का पुनः कौशल विकास कर उन्हें अन्य क्षेत्रों में समायोजित करे। इसके अलावा, श्रम बाजार में लचीलापन, बुनियादी ढांचे में निवेश, और व्यापार प्रतिबंधों को हटाना भी प्राथमिकताएं होनी चाहिए।
मध्यम अवधि में भारत को शिक्षा में निवेश, भूमि सुधार, सामाजिक सुरक्षा का विस्तार, और कारोबार करने की प्रक्रियाओं को आसान बनाना चाहिए।
ग्लोबल ग्रोथ पर क्या बोला IMF?
वैश्विक स्तर पर IMF ने वर्ष 2025 में 3% और वर्ष 2026 में 3.1% की वृद्धि का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वर्ष 2025 में उभरती हुई इकोनॉमीज की औसतन ग्रोथ 4.1 प्रतिशत और वर्ष 2026 में 4.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ा टैरिफ का असर
वही आईएमएफ ने चीन की वृद्धि दर वर्ष 2025 में 4.8% और वर्ष 2026 में 4.2% रहने का अनुमान है, जो अमेरिका-चीन टैरिफ में कमी और मजबूत आर्थिक गतिविधियों के कारण है।