आक्रामक सेंटर हाफ सलीमा टेटे की अगुआई और चीफ कोच हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में भारतीय टीम होंगजू में मेजबान चीन से महिला हॉकी एशिया कप फाइनल में उसके खिलाफ सुपर 4 मैच की तरह 1-4 से हार कर सीधे 2026 में बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप के लिए सीधे क्वॉलिफाई करने से चूक गई। चीन की महिला टीम ने अजेय रहते हुए पहले अपने तीनों पूल मैच और फिर तीनों सुपर 4 मैच जीत महिला हॉकी एशिया कप के फाइनल में स्थान बनाने के बाद पिछड़ने के बावजूद भारत पर एकतरफा जीत के साथ चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
2024 के पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता चीन ने फाइनल सहित अपने सभी सातों मैच जीत महिला एशिया कप चैम्पियन बन खुद को निर्विवाद रूप से एशिया की नंबर एक हॉकी टीम के रूप में अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी। भारत की महिला हॉकी टीम पूल में दो जीत और एक ड्रॉ के साथ अपने पूल में सात अंकों के साथ शीर्ष पर और सुपर चार में एक जीत, एक ड्रॉ व एक हार के साथ चार अंक ले दूसरे स्थान पर रही।
चीन के अपने घर होंगजू में महिला हॉकी एशिया कप जीत, नीदरलैंड व बेल्जियम ने बतौर मेजबान, जर्मनी और अर्जेंटीना पिछले दो महिला प्रो हॉकी प्रो लीग चैम्पियन के रूप में, अमेरिका ने पैन अमेरिकी कप चैम्पियन और स्पेन ने यूरो हॉकी चैम्पियनशिप जीत तथा न्यूजीलैंड ने ओशनिया कप जीत कुल आठ टीमें अब तक 2026 के महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई कर चुकी हैं और अफ्रीकी चैम्पियन भी सीधे क्वॉलिफाई कर लेगी।
कुल नौ टीमों के सीधे महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करने के बाद बाकी सात टीमें 28 फरवरी से 8 मार्च, 2026 तक होने वाले 16 टीमों के हॉकी विश्व कप क्वॉलिफायर से इसके लिए क्वॉलिफाई करेंगी। भारत के लिए 2026 का महिला हॉकी विश्व कप क्वॉलिफायर उरुग्वे, चिली, कनाडा, आयरलैंड, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, वेल्स, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रिया, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और मलेशिया के साथ हॉकी विश्व कप 2026 के लिए क्वॉलिफाई करने का आखिरी मौका होगा। 2026 के 16 टीमों के महिला हॉकी विश्व कप क्वॉलिफायर से सात टीमें 2026 के महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करेंगी।
भारत को 2026 के महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करना है तो उसे विश्व कप क्वॉलिफायर में 16 टीमों में शुरुआती सात टीमों में स्थान बनाने की रणनीति पर अभी से मेहनत करने की जरूरत है। बेशक ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, आयरलैंड, जापान, चिली और उरुग्वे के साथ हॉकी विश्व कप क्वॉलिफायर से शीर्ष सात में रहकर 2026 के महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करने का प्रबल दावेदार है। भारत को विश्व कप क्वॉलिफायर्स से महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करना है तो चीफ कोच हरेंद्र सिंह और हॉकी इंडिया की चयन समिति को कड़े फैसले लेकर साफ रणनीति के साथ उतरना होगा।
चीफ कोच हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में भारत महिला एशिया कप फाइनल में चीन से 1-4 से हार कर उपविजेता रही। बेशक चोट के चलते अनुभवी गोलरक्षक सविता, नौजवान स्ट्राइकर दीपिका सहरावत और फुलबैक सुशीला चानू महिला हॉकी एशिया कप से बाहर रही। यहां बड़ा सवाल यह है कि जब भारत को इन दिग्गजों के बिना महिला हॉकी एशिया कप जीतने का भरोसा नहीं था तो भारतीय हॉकी राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने सुशीला चानू और बुढ़ाती गोलरक्षक सविता का विकल्प तलाशने के लिए बहुत पहले क्यों नहीं सोचा?
भारत की नौजवान स्ट्राइकर मुमताज खान, नवनीत कौर, संगीता कुमारी और ब्यूटी डुंगडुंग, वैष्णवी विट्ठल फाल्के ने मध्यपंक्ति में खासतौर पर शर्मिला कुमारी, नेहा, ललरेमसियामी, सुनीलिता टोपो और खुद कप्तान सलीमा टेटे की बढ़ाई गेंदों पर खूब पेनल्टी कॉर्नर दिलाए लेकिन चोट के चलते बाहर स्ट्राइकर-ड्रैग फ्लिकर दीपिका सहरावत की गैर मौजूदगी में पेनल्टी कॉर्नर पर सीधे हिट से गोल करने की कोशिश में दिखी लेकिन इसमें उनके हाथ नाकामी ही लगी।
बतौर डिफेंडर लंबे समय बाद भारतीय महिला हॉकी टीम में वापसी करने वाली सुमन देवी थोडम, निकी प्रधान, उदिता, इशिका चौधरी और ऋतुजा डडासो पिसल ने निराश किया। भारत के पास जब ड्रैग फ्लिकर नहीं है तो उसे गोल करने के लिए मजबूत हिट पर यकीन करना चाहिए। भारत के लिए उत्साह की बात यह है कि मुमताज खान और नवनीत कौर ने संयुक्त रूप से छह-छह गोल कर गोल दागने में संयुक्त रूप से स्थान बनाया और सबसे काबिलेतारीफ बात यह रही कि इन दोनों ने जापान और चीन के खिलाफ भी गोल किए। भारत के लिए ऋतुजा डडासो पिसल ने चार, उदिता दुहान, ललरेमसियामी और ब्यूटी डुंगडुंग ने तीन-तीन गोल किए। वहीं संगीता कुमारी, शर्मिला कुमारी और नेहा ने दो-दो गोल किए।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने राजगीर (बिहार) में पुरुष हॉकी एशिया कप के दौरान बातचीत में साफ किया था कि खिलाड़ियों की चोट को लेकर चीफ कोच से वह बात करेंगे। तिर्की ने भी माना था कि भारत की महिला हॉकी टीम को लेकर कुछ समस्याएं हैं और इन पर वह चीफ कोच, कप्तान, सपोर्ट स्टाफ से मिलकर बात करेंगे। भारतीय महिला हॉकी टीम को पुरुष हॉकी टीम के मेंटल कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन जैसे कोच की जरूरत है।
हॉकी इंडिया को खासतौर पर महिला हॉकी टीम के लिए मेंटल कंडीशनिंग कोच, ड्रैग फ्लिकर कोच और गोलकीपिंग कोच की बाबत गंभीरता से सोचने की जरूरत है क्योंकि अभी भी महिला हॉकी विश्व कप क्वॉलिफायर 2026 में छह महीने का वक्त है। तब तक दीपिका सहरावत भी और गोलरक्षक सविता और सुशीला चानू भी फिट हो जाएंगी। उम्मीद है कि हॉकी इंडिया इस बाबत गंभीरता से सोचेगी और हॉकी प्रेमी भारतीय हॉकी टीम को महिला हॉकी विश्व कप क्वॉलिफायर में शीर्ष सात टीमों में स्थान बनाकर 2026 के एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप में खेलते देखेंगे।