किसानों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस एशिया-पैसिफिक (ICA-AP) और हीफर इंटरनेशनल ने नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ICA-EU वित्तीय भागीदारी कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत हुआ है।
ICA-AP के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि दोनों संस्थाओं का उद्देश्य एक जैसा है—ग्रामीण इलाकों के किसानों को सहकारिता के ज़रिए संसाधनों, जैसे कि अच्छी किस्म के बीज, तकनीकी जानकारी और खेती में मददगार सामग्री तक पहुंच देना।
हीफर इंटरनेशनल की एशिया कार्यक्रम प्रमुख नीना जोशी ने कहा कि संगठित किसान एक मज़बूत आवाज़ बनते हैं और उन्हें बेहतर अवसर मिलते हैं। इससे वे जलवायु-स्थिर और टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस साझेदारी का मकसद एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में किसानों की सहकारी संस्थाओं को मज़बूत बनाना है, ताकि खेती को टिकाऊ, समावेशी और जलवायु के अनुकूल बनाया जा सके। इसमें खास ध्यान महिलाओं और युवाओं को खेती और सामाजिक बदलाव के केंद्र में लाने पर है।
इस MoU के तहत एक खास मुहिम “Seeding Strength: Empowering Farmer Cooperatives” भी शुरू की गई है। यह अभियान भारत, बांग्लादेश, नेपाल और कंबोडिया के सहकारी संगठनों की कहानियां दुनिया के सामने लाएगा—जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, टिकाऊ खेती अपनाने और सामाजिक एकता मजबूत करने में जुटे हैं।
इस मौके पर ICA-AP, हीफर और अन्य संगठनों के कई वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे। यह समझौता किसानों के लिए एक नई उम्मीद की शुरुआत है।