
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने शनिवार को समन्वय भवन में जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक में इसके निर्देश दिए।
भोपाल: अब सहकारी बैंक घाटे से उबरने के लिए नई रणनीति के साथ काम करेंगे। इन बैंकों के कर्मचारियों को ग्राहकों के साथ बेहतर संवाद और सद्व्यवहार के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही, डिफॉल्टर किसानों से लोन राशि वसूलने के लिए जनप्रतिनिधियों की मदद ली जाएगी।
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने शनिवार को समन्वय भवन में जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (CEOs) की बैठक में इन निर्देशों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बकाया राशि की वसूली के लिए कलेक्टर और राजस्व अधिकारियों की मदद ली जाएगी, ताकि किसानों से लोन चुकाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
मंत्री सारंग ने कर्मचारियों के आचरण और व्यवहार की ऑनलाइन ट्रेनिंग की योजना बनाई, ताकि बैंक में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध बनाए जा सकें। उन्होंने बैंकों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की बात भी की और हर साल के अंत में उत्कृष्ट कर्मचारियों को सम्मानित करने की घोषणा की।
मंत्री ने यह भी कहा कि सहकारी बैंकों को अपनी साख मजबूत करने के लिए काम करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों के डिपॉजिट पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसके अलावा, डिपॉजिट, टर्म लोन, और सुरक्षित लोन जैसे मामलों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।