भारत मंडपम में मंगलवार को एक ऐतिहासिक और भावनात्मक विदाई समारोह हुआ। यह कार्यक्रम था IFFCO के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी के सम्मान में, जिन्होंने सहकारिता क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। समारोह में देश-विदेश से जुड़े लोग, किसान, अधिकारी, न्यायविद, और सहकारिता क्षेत्र के दिग्गज बड़ी संख्या में मौजूद थे।
IFFCO के चेयरमैन दिलीप संघानी ने इस समारोह की मेज़बानी की और कहा कि उन्होंने बहुत से सहकारी आयोजनों में हिस्सा लिया है, लेकिन ऐसा भावनात्मक और विराट आयोजन कभी नहीं देखा। मंच पर सहकारिता सचिव अशीष भूटानी, चंद्रपाल सिंह यादव, ज्योतिंद्र मेहता, और सहकार भारती के नेता जैसे सतीश मराठे, उदय जोशी, संजय पचपोरे सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं।
देश के कोने-कोने से किसान आए थे, खासकर कश्मीर और उत्तर प्रदेश के दूर-दराज़ के इलाकों से, सिर्फ इसलिए कि वे उस व्यक्ति को धन्यवाद कह सकें, जिसने उनकी ज़िंदगी बदली। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वकील भी वहां मौजूद थे, जिन्होंने डॉ. अवस्थी के लिए कानूनी लड़ाइयाँ लड़ी थीं।
डॉ. अवस्थी का भाषण इस मौके का सबसे भावुक पल था। वे खुले दिल से बोले — बिना किसी रोक-टोक के, सच्चाई से। उन्होंने Nano Urea को अपनाने की अपील की और चेतावनी दी कि अगर अब भी हम नहीं बदले तो मिट्टी ज़हर बन जाएगी। उनकी आँखों में आंसू थे और आवाज़ में कंपकंपी, लेकिन उनकी बातों का असर गहरा था। लोग जानते थे, अब वह किसी पद पर नहीं हैं — वह सिर्फ किसानों की भलाई के लिए बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि IFFCO की सफलता में किसानों, बोर्ड के सदस्यों और पूर्व चेयरमैनों का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपने करियर के 50 सालों का ज़िक्र किया, जिसमें उन्होंने 9 प्रधानमंत्री, 37 मंत्री और 52 सचिवों के साथ काम किया। उन्होंने कहा, “कई बार लोग मुझसे सहमत नहीं थे, लेकिन समय के साथ सबने मेरा साथ दिया।”
अपने वादे के पक्के डॉ. अवस्थी ने कहा, “मैं IFFCO के लिए हमेशा खड़ा रहूँगा — यह मेरा वादा है।” विदाई के इस मौके पर, आँसू थे, तालियाँ थीं और एक व्यक्ति के महान योगदान की सच्ची गूंज थी।