केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का लक्ष्य देश को दुनिया का फ़ूड बास्केट बनाना है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने की दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ रही है. पुणे के गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान के प्लेटिनम जुबली सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत रहा है. खासकर कोविड के समय सारी दुनिया को यह पता चल चुका है कि भारत का कृषि क्षेत्र अन्य देशों से मजबूत है. इस क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है.
शिवराज सिंह चौहान चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र से जुड़े शोध सिर्फ लैब तक सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि किसानों तक पहुंचने चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि वैज्ञानिक और किसान मिलकर काम करें. सरकार इस दिशा में कई योजनाओं पर काम कर रही है ताकि किसानों को आधुनिक तकनीक और नए समाधान उपलब्ध कराए जा सकें.
इसके साथ ही कृषि मंत्री ने प्राकृतिक खेती को समय की मांग बताया और कीटनाशकों के अनियंत्रित प्रयोग को रोकने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है बल्कि उत्पादन में भी वेल्यू एडिशन करती है. उन्होंने यह भी बताया कि किसानों की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की सहायता के लिए डीडी किसान चैनल पर एक विशेष कार्यक्रम आधुनिक कृषि चौपाल शुरू किया. यह एक ऐसा मंच है जिसमें किसान, शोधकर्ता और वैज्ञानिक बैठकर कृषि क्षेत्र की समस्याओं व नये अवसरों पर अपनी विचारों का आदान प्रदान करेंगे.
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी जानकारियां केवल अंग्रेजी तक सीमित न रहें, बल्कि भारत की विभिन्न भाषाओं में भी प्रकाशित हों. इससे लैब टू लैंड की दूरी को कम करने में मदद मिलेगी. चौहान ने कहा कि किसानों के उत्पादों को दूर-दराज के बाजारों तक पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर नई योजना पर काम कर रही हैं. इससे किसानों को अपने उत्पादों का सही मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी.