वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने अपने ताज़ा ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में भारत को लेकर सकारात्मक रुख बनाए रखा है। एजेंसी ने मार्च 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी अनुमान को जून 2025 की रिपोर्ट मे दिए गए अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.9% कर दिया है। यह वृद्धि 2025 की दूसरी तिमाही के मजबूत नतीजों और घरेलू मांग में सुधार के चलते की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘घरेलू मांग’ भारत की विकास का प्रमुख चालक होगी। क्योंकि मजबूत वास्तविक आय वृद्धि उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देगी, जबकि ढीली वित्तीय स्थितियां निवेश को सहारा देंगी।
अगले तीन साल 6% से ऊपर रहेगी विकास दर
फिच का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2027 में भारत की विकास दर 6.3% रहेगी और अर्थव्यवस्था अपनी क्षमता से थोड़ा ऊपर काम करेगी। वित्त वर्ष 2028 में यह दर मामूली गिरकर 6.2% हो सकती है।
फिच को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा और 2026 के अंत तक दरों को स्थिर रखेगा। इसके बाद 2027 में दरें फिर बढ़ने की संभावना जताई गई है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार
फिच ने 2025 के लिए वैश्विक विकास दर का अनुमान 2.4% कर दिया है, जो पहले 2.2% था। यह वृद्धि चीन और यूरोजोन के बेहतर आर्थिक आंकड़ों की वजह से हुई है।
चीन के विकास अनुमान को 4.2% से बढ़ाकर 4.7% किया गया। यूरोजोन का अनुमान 0.8% से बढ़कर 1.1%। अमेरिका का अनुमान 1.5% से थोड़ा बढ़कर 1.6%। 2026 में वैश्विक विकास दर 2.3% रहने का अनुमान है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में धीमापन
फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कूल्टन ने कहा कि अमेरिका में मंदी के संकेत अब केवल सर्वेक्षणों में नहीं बल्कि वास्तविक आंकड़ों में भी नजर आ रहे हैं। एजेंसी को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व सितंबर और दिसंबर में 25-25 आधार अंकों की दो ब्याज दर कटौतियां करेगा, और 2026 में तीन और कटौतियां संभव हैं। हालांकि, 2025 के अंत में अमेरिका में मुद्रास्फीति का दबाव फिर बढ़ने से रियल वेज ग्रोथ और उपभोक्ता मांग पर असर पड़ सकता है।