केंद्र सरकार ने सहकारी बैंकिंग प्रणाली को आधुनिक, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक पहल शुरू की है। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जानकारी दी कि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए एक व्यापक साइबर बीमा पॉलिसी शुरू की गई है। यह पहल आरसीबी के डिजिटल बुनियादी ढांचे और संवेदनशील वित्तीय डेटा की सुरक्षा के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो आज के परस्पर जुड़े बैंकिंग वातावरण में साइबर खतरों के प्रति तेजी से संवेदनशील होते जा रहे हैं।
नाबार्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 में 193 आरसीबी और आरआरबी के लिए पहली बार साइबर बीमा की सुविधा प्रदान की। आजतक 231 आरसीबी, 21 आरआरबी और 2 यूसीबी नाबार्ड द्वारा सुविधाप्राप्त साइबर बीमा कार्यक्रम के अंतर्गत आते हैं।
अमित शाह ने बताया कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के कम्प्यूटरीकरण के अंतर्गत देशभर की सभी कार्यरत पैक्स को एक साझा राष्ट्रीय ईआरपी (Enterprise Resource Planning) आधारित सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है। यह सॉफ्टवेयर पैक्स को राज्य सहकारी बैंकों (STCB) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ता है।
इस साझा ईआरपी सॉफ्टवेयर का उद्देश्य पैक्स की कार्यप्रणाली को डिजिटल और कुशल बनाना है। इसके माध्यम से ऋण और गैर-ऋण संबंधी सभी डेटा का संग्रहण किया जा रहा है। साथ ही, साझा लेखा प्रणाली (CAS) और प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) से पैक्स के संचालन में दक्षता, पारदर्शिता और शासन क्षमता बढ़ रही है। इसके परिणामस्वरूप ऋण वितरण में तेजी आई है, लेनदेन लागत घटी है और भुगतान असंतुलन को कम किया गया है।
सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में डेटा सुरक्षा और डिजिटलीकरण को सुदृढ़ करने के लिए शहरी सहकारी बैंकों हेतु राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम (NUCFDC) का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकों को डिजिटल युग की जटिलताओं से निपटने के लिए तैयार करना और सहयोग के साथ नवाचार को बढ़ावा देना है।
वहीं, ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) के लिए नाबार्ड को सहकार सारथी (Shared Services Entity) की स्थापना की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। यह इकाई ग्रामीण सहकारी बैंकों को तकनीकी सेवाएं उपलब्ध कराएगी और उनकी मजबूती सुनिश्चित करेगी।
इसके अलावा CERT-IN के सहयोग से साइबर सुरक्षा ऑडिट और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। CSITE इकाई पिछले तीन वर्षों से अक्टूबर माह को ‘‘साइबर सुरक्षा जागरूकता माह’’ के रूप में मना रही है, जिसमें कार्यशालाएं और डिजिटल सामग्री के जरिए बैंकों को प्रशिक्षित किया जाता है।