भारत के नौजवान सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की सबसे बड़ी ताकत है खुद को बहुत जल्द मैच की स्थिति के मुताबिक ढाल कर खेलना। 23 बरस के यशस्वी यशस्वी मात्र दस बरस की उम्र में क्रिकेट में अपने लिए अलग मुकाम बनाने का सपना लिए अकेले ही उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे भदोही से मुंबई आ गए। यशस्वी का मुंबई आकर आजाद मैदान में पहुंच टेंट में रहने के बाद वहीं अपने बल्ले से कमाल दिखाकर पहले पहले मुंबई रणजी टीम और फिर भारतीय टेस्ट टीम में स्थान बनाना किसी भी छोटे शहर से आने वाले खिलाड़ी के लिए बड़ी प्रेरणा साबित हो सकता है।
यशस्वी इस लिहाज से खुशकिस्मत रहे कि उनकी प्रतिभा को कभी खुद क्रिकेटर बनने का सपना लिए मुंबई आए व क्रिकेट की प्रतिभा को तलाशने व तराशने वाले क्रिकेट उस्ताद ज्वाला सिंह जैसे जोहरी ने पहचाना। यशस्वी नैसर्गिक रूप से स्ट्रोक खेलने में यकीन करते हैं लेकिन टेस्ट जैसे सबसे चुनौतीपूर्ण फॉर्मेट के मिजाज के मुताबिक खुद को ढाल कर खेलना उन्हें क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट का मजबूत बल्लेबाज बनाता है।]
वह इस मामले में खुशकिस्मत रहे कि उन्हें भारत और भारत की अंडर 19 टीम के क्रिकेट उस्ताद के रूप में करियर के रूप में अपने दौर के सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ जैसे दुनिया के सबसे काबिल क्रिकेट उस्ताद मिले। संयोग से यशस्वी अब आईपीएल में उसी राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हैं जिसके चीफ क्रिकेट कोच द्रविड़ हैं। यह गुरु द्रविड़ के मार्गदर्शन का ही कमाल है कि यशस्वी टेस्ट में भी पिच और स्थिति के मुताबिक कई बार क्रीज पर लंगर डाल, कई बार आक्रामक अंदाज में और कई बार रक्षात्मक अंदाज मे खेलकर हर स्थिति के मुताबिक खुद को ढालकर टेस्ट में टीम इंडिया के शीर्ष क्रम के प्रमुख बल्लेबाज के रूप में साबित करने में कामयाब रहे हैं।
यशस्वी की मुश्किल स्थिति में आगे आकर चुनौती का सामना करने की क्षमता के भारत के पूर्व चीफ कोच राहुल द्रविड़ कायल हैं। भारत की पिछली टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया में यशस्वी ने बढ़िया आगाज किया था लेकिन शुरू में टेस्ट सीरीज में बढ़िया आगाज करने के बाद वह राह भटक गए। यशस्वी अब रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट को अलविदा कहने के बाद केएल राहुल, उपकप्तान ऋषभ पंत, कप्तान शुभमन गिल, साई सुदर्शन, करुण नायर के साथ भारतीय बल्लेबाजी में शीर्षक्रम की अहम कड़ी हैं। यशस्वी का खासतौर पर भारत में टेस्ट रिकॉर्ड शानदार रहा है।
इंग्लैंड अगर बेजबाल यानी शुरु से दे दनादन की रणनीति पर ही भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में काबिज रहता है, तब पिचों के बल्लेबाजों के लिए ज्यादा मुफीद रहने की उम्मीद है और ऐसी पिचों पर यशस्वी बड़ी पारियां खेलने में सक्षम हैं। यदि इंग्लैंड में पिचें सीम गेंदबाजों के लिए मदगार रही तो तब यशस्वी को जवाबी हमले बोल कर इंग्लैंड को उसी के अंदाज में जवाब देने की जरूरत होगी। इंग्लैंड में जब भारत हेडिंग्ले ,लीडस में 20 जून से उसके खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज का पहला टेस्ट खेलेगा तो वहां के भारी मौसम में जब गेंद स्विंग होगी और तब यह देखना दिलचस्प होगा कि यशस्वी इससे कैसे निपटते हैं। यशस्वी क्या पिच पर ठहर कर स्विंग को समझने के लिए शुरूआती ओवर धैर्य धर कर खेलेंगे या इंग्लैंड के गेंदबाजों पर हावी होकर उनकी लय बिगाड़ने की रणनीति अपनाएंगे? ये देखना दिलचस्प होगा।
इंग्लैड भले ही घास वाली तेज और स्विंग की मुफीद पिचें न बनाए लेकिन उसके नम और भारी मौसम में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ऐसा समय जरूर आएगा जब गेंद स्विंग होगी। ऐसे में भारत के प्रतिभासम्पन्न बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का इंग्लैंड स्विंग से इम्तिहान लेगा। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में यशस्वी की बल्लेबाजी के साथ उनका मिजाज उनकी कामयाबी तय करेगा। यशस्वी जायसवाल के लिए मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ यह टेस्ट सीरीज उनकी खुद को इंग्लैंड की स्थितियों के मुताबिक ढालने की क्षमता का इम्तिहान होगा। यशस्वी भले ही इंग्लैंड के इस मौजूदा दौरे पर इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ एक अर्द्धशतक ही जड़ पाए हैं लेकिन उनमें इससे निश्चित रूप से बेहतर करने की क्षमता है।
यशस्वी जायसवाल का इंग्लैंड में उसके खिलाफ एंडरसन-तेंडुलकर ट्रॉफी के लिए खेली जाने वाली पांच टेस्ट की क्रिकेट सीरीज में भारत की पारी का आगाज करना तय है। लाख टके का सवाल अभी भी यही है कि क्या यशस्वी के साथ केएल राहुल भारत की पारी का आगाज करेंगे या कप्तान शुभमन गिल,साई सुदर्शन अथवा वीरेन्द्र सहवाग के बाद भारत के लिए टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले मात्र दूसरे बल्लेबाज करुण नायर? भारत के लिए अब तक तो यशस्वी के साथ केएल राहुल ही पारी का आगाज करते दिख रहे हैं।
केएल राहुल ने इंग्लैड के खिलाफ उसके घर में सलामी बल्लेबाज के रूप में अब तक 8 टेस्ट में 16 पारियों मे दो शतकों सहित 149 के सर्वोच्च स्कोर सहित सबसे ज्यादा 597 रन बनाए हैं जबकि कप्तान शुभमन गिल ने बतौर सलामी बल्लेबाज इंग्लैड में मात्र एक टेस्ट खेल 17 के सर्वोच्च स्कोर के साथ कुल 21 रन बनाए है। यशस्वी को सीम होती गेंदों के खिलाफ 2023 24 के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उसके खिलाफ जूझना पड़ा था और वहां उनका सर्वोच्च स्कोर 28 रन रहा था।
भारत के इस इंग्लैंड दौरे पर उपकप्तान वह बाएं हाथ के ऋषभ पंत इंग्लैंड के पिछले दौरों में टेस्ट में उसके गेंदबाजों पर जवाबी हमला बोल कर उनकी लय बिगाड़ बड़ी पारी खेल कर टेस्ट में शतक जड़ने में कामयाब रहे हैं। यशस्वी और ऋषभ पंत नैसर्गिक स्ट्रोक मेकर्स हैं। इनकी बल्लेबाजी की ताकत और दर्शन ही है- आक्रमण ही सर्वश्रेष्ठ रक्षण है। हर बल्लेबाज को खुद को बेशक अपनी ताकत पर भरोसा कर बेशक खेलना चाहिए लेकिन हर मैदान और मौसम के मिजाज को भी जरा जेहन में रख कर खेलना चाहिए। यशस्वी को भी इंग्लैंड के नम और भारी मौसम में जोश के साथ होश दिखाने की जरूरत होगी।
इंग्लैंड में भारत ही नहीं दुनिया के सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर तक को इंग्लैंड में जॉन स्नो, बॉब विलिस, जेफ आर्नल्ड, इयान बॉथम जैसे स्विंग और तेज गेंदबाजों के खिलाफ जूझना पड़ा लेकिन उन्होंने अपनी एकाग्रता से इन सभी के खिलाफ शतक के साथ दोहरा शतक भी जड़ा। यशस्वी जायसवाल ने अपने करयर की महज तीसरी टेस्ट सीरीज में 2024 में अपने घर में भारत के लिए दो दोहरे शतकों और तीन अर्द्बशतकों की मदद से इंग्लैड के खिलाफ कुल पांच टेस्ट की सीरीज में सबसे ज्यादा 712 रन बनाए थे।
ऑस्ट्रेलिया में पिछली टेस्ट सीरीज में मिचेल स्टार्क ने मिडल स्टंप पर खड़े हो बहुत शफल करने का लाभ उठा कर गेंद को मिडल व लेग स्टंप पर रख कर थोड़ा मूव करा कर जायसवाल आउट किया था। 23 बरस के यशस्वी ने बैक फुट पर अपने शॉट खेलना जारी रखा और क्रीज छोड़ कर आगे निकल कर अपने शॉट खेले और भारत के पांच टेस्ट की सीरीज 1-3 से हारने के बावजूद रन बनाने में दूसरे स्थान पर रहे। अब तक यशस्वी ने 19 टेस्ट खेले हैं और 2 दोहरे शतक व 2 शतक दस व 10 अर्द्धशतकों सहित 52 से ज्यादा की औसत से 1798 रन बनाए हैं। यशस्वी के साथ शुभमन गिल की अगुआई वाली यह नौजवान भारतीय क्रिकेट टीम अपने आलोचकों को गलत साबित कर पांच टेस्ट की सीरीज में कामयाबी की नई कहानी लिखने को बेताब है।