रवींद्र जडेजा का जीवटपूर्ण अविजित अर्द्धशतक भी भारत के काम न आया। पहली पारी में 72 रन की शानदार पारी खेलने वाले रवींद्र जडेजा की करीब साढ़े चार घंटे तक मैदान पर डट कर 181 गेंद खेल कर एक छक्के और चार चौकों की मदद से अविजित 61 रन की पारी भी भारत को हार से नहीं बचा सकी
जडेजा निचले क्रम में नीतिश रेड्डी (13 रन, 53गेंद, एक चौका) के साथ आठवें विकेट की 30, जसप्रीत बुमराह(5 रन, 54 गेंद) के साथ नौंवे विकेट की 37 रन और मोहम्मद सिराज ( 4 रन, 30गेंद) आखिरी विकेट के लिए 33 की बेशकीमती साझेदारियों के बावजूद भारत लॉर्ड्स टेस्ट 22 रन से हार गया। लॉडर्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड से पांच टेस्ट की क्रिकेट सीरीज के तीसरे बेहद रोमांचक टेस्ट के पांचवें व अंतिम दिन सोमवार को जीत के लिए 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दूसरी पारी में चायकाल के पांच ओवर बाद भारत की 170 रन पर सिमट गई।
इंग्लैंड ने जो रूट के शतक और जैमी स्मिथ व ब्रायडन कार्स के अर्द्धशतकों से इंग्लैंड द्वारा पहली पारी मे बनाए 387 रन के जवाब में केएल राहुल के शतक व ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा के अर्द्धशतकों से भारत ने भी अपनी पहली पारी मे 387 रन बनाए थे। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इंग्लैंड के लिए पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 33 रन की अहम पारियों के साथ भारत की पहली पारी में 63 रन देकर दो दूसरी पारी में 48 रन देकर तीन विकेट चटकाने के लिए तीसरे टेस्ट में मैन ऑफ द’ मैच घोषित किया गया।
भारत तीसरा टेस्ट हारने के साथ इंग्लैंड से मौजूदा सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया। इंग्लैंड ने लीडस में सीरीज का पहला टेस्ट पांच विकेट से जीत सीरीज में 1-0 की बढ़त ली थी लेकिन भारत ने एजबेस्टन, बर्मिंघम में मेजबान टीम स दूसरा टेस्ट 336 रन की बड़ी जीत के साथ सीरीज में एक एक की बराबरी पा ली थी।
इंग्लैंड को लॉडर्स में सीरीज का तीसरा टेस्ट जिताने में रफ्तार के सौदागर जोफ्रा आर्चर (3/55), कप्तान बेन स्टोक्स(3/48), ब्रायडन कार्स (2/30) व वॉक्स और शोएब बशीर ने एक एक विकेट चटका भारत की दूसरी पारी को सस्ते में समेट कर अहम भूमिका निभाई।
अपने शीर्ष व मध्यक्रम के ढहने के बावजूद रवींद्र जडेजा ने जिस तरह से अकेले ही निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ आखिर तक आखिर तक भारत की जीत की उम्मीद बनाए रखी, चह काबिलेतारीफ है। शुरू के दो टेस्ट में एक दोहरा शतक और पहले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने के बाद अगले दो टेस्ट में दो अर्द्बशतक जड़ने वाले उपकप्तान ऋषभ पंत और पहली पारी में लॉडर्स में शतक सहित मौजूदा टेस्ट सीरीज में दूसरी पारी में केएल राहुल का सस्ते में आउट होना ही भारत की तीसरे टेस्ट में हार का कारण बना।
भारत की हार के और कारणों की बात करें तो भारत के सलामी और टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ एक बार फिर जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे। यशस्वी जायसवाल दोनों पारियों में सिर्फ़ 13 और 0 रन ही बना सके, जबकि करुण नायर की शुरुआत तो प्रभावशाली थी, लेकिन उसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए। जैसे-जैसे विकेट गिरते गए, निगाहें वाशिंगटन सुंदर पर टिकीं, जिन्होंने गेंद से चार विकेट लेकर उम्मीद जगाई थी। लेकिन बल्ले से वो भरोसा कायम नहीं रख सके। यदि मिडिल ऑर्डर से कोई दो बल्लेबाज़ भी जडेजा का साथ निभा देते, तो लॉर्ड्स में इतिहास रचा जा सकता था।
मैच के अंतिम दिन जब चौथी पारी में भारतीय बल्लेबाज़ एक-एक कर पवेलियन लौट रहे थे, तब क्रीज़ पर एक नाम अडिग खड़ा था रवींद्र जडेजा, जैसे किसी तूफ़ान में टिमटिमाता इकलौता दीपक एक टुटता हुआ लेकिन ज़िंदा दीपक। उनके चेहरे पर दृढ़ता थी, बैट में संयम और आँखों में भारत की उम्मीदें।
जडेजा ने लगातार चौथी टेस्ट पारी में अर्धशतक जमाया लेकिन इसके बाद भी वह शांत खड़े रहे क्योंकि वो जानते थे कि उनकी लड़ाई अभी बाकी है. ।उन्होंने पहले जसप्रीत बुमराह के साथ 132 गेंदों में 35 रन की लड़ाकू साझेदारी निभाई, जिसने भारत को मैच में बनाए रखा। फिर सिराज के साथ 23 रन जोड़े और जीत महज 22 रनों की दूरी पर दिखने लगी। ऐसा लगने लगा था कि आज जडेजा की जीवटता से भारत लॉर्ड्स में इतिहास रचेगा।
तभी वो हुआ जिसने पूरे भारत को सुन्न कर दिया। जिन शोएब बशीर की उंगली टूटी हुई थी, उनकी एक गेंद ने सब कुछ ख़त्म कर दिया। बशीर की गेंद को सिराज ने डिफेंड कर लिया था लेकिन इसके बाद गेंद टप्पा खाते हुए विकेट से जा टकराई। इंग्लैंड के खिलाड़ी ख़ुशी से झूम उठे। मोहम्मद सिराज आंखों में आंसू लिए घुटनों पर बैठ गए और भारत लॉर्ड्स टेस्ट हार गया।
बदकिस्मती से सिराज के आउट होते ही जडेजा मैदान पर ऐसे असहाय खड़े रह गए, जैसे उनका सब कुछ छीन लिया गया हो। जडेजा की आंखें नाम थी, चेहरे पर हार का गम था। उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया था, उन्होंने वो सब कुछ किया, जो उन्हें करना चाहिए था लेकिन जीत बस कुछ कदम दूर रह गई। ये जडेजा की जीवटता ही थी कि मैच जीतने के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के उन्हें गले लगा लिया। भारत मैच हार गया लेकिन सर जडेजा की कभी हार न मानने वाली हठधर्मिता, जसप्रीत बुमराह की अडिगता और मोहम्मद सिराज के जज्बे ने दिखा दिया कि टेस्ट क्रिकेट कैसे खेला जाता है।