
‘निवेशक दीदी’ एक अनूठी और परिवर्तनकारी पहल है, जिसके माध्यम से महिला डाक कर्मचारियों और स्थानीय महिला नेताओं को वित्तीय शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है।
ग्रामीण भारत की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए, निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने ‘निवेशक दीदी’ पहल के दूसरे चरण का औपचारिक शुभारंभ किया है। इस अवसर पर दोनों संस्थाओं के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल न केवल महिलाओं को वित्तीय साक्षरता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें अपने समुदाय में बदलाव की मशाल बनने का अवसर भी देगी।
क्या है निवेशक दीदी ?
‘निवेशक दीदी’ पहल एक अनोखा प्रयास है, जिसमें महिला डाक कर्मचारियों और सामुदायिक नेताओं को वित्तीय शिक्षक के रूप में तैयार किया जाता है। ये महिलाएं अपने इलाकों में लोगों को निवेश की बारीकियां, बचत के तरीके, धोखाधड़ी से बचने के उपाय और डिजिटल बैंकिंग की जानकारी देती हैं। इस अभियान का मकसद ग्रामीण महिलाओं को जिम्मेदार वित्तीय फैसले लेने में सक्षम बनाना है।
पहले चरण में निवेशक दीदी की इस पहल ने शानदार सफलता हासिल की, जिसमें देशभर के वित्तीय साक्षरता शिविरों में 55,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए। इनमें करीब 60% महिलाएं थीं, जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से आईं। अब दूसरे चरण में 4,000 से अधिक शिविरों का आयोजन होगा, जिनका नेतृत्व 40,000 प्रशिक्षित ‘निवेशक दीदी’ करेंगी।
IEPFA के महाप्रबंधक लेफ्टिनेंट कर्नल आदित्य सिन्हा (सेवानिवृत्त) ने इसे जमीनी स्तर का आंदोलन बताया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक ऐसा प्रयास है जो समाज के आखिरी व्यक्ति तक वित्तीय जागरूकता पहुंचाने का सपना देखता है।” वहीं, IPPB के मुख्य महाप्रबंधक गुरशरण राय बंसल ने जोर देकर कहा, “महिलाएं जब सशक्त होती हैं, तो वे पूरे समुदाय को प्रेरित करती हैं। हम उन्हें सही जानकारी और संसाधन दे रहे हैं, ताकि वे अपने और अपने परिवार के भविष्य को बेहतर बना सकें।”
IEPFA और IPPB की भूमिका
IEPFA एक वैधानिक संस्था है जो निवेशकों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए काम करती है। यह खासतौर पर ग्रामीण और वंचित वर्गों को बजट प्रबंधन, बचत और सही निवेश के विकल्प चुनने में मदद करती है। दूसरी ओर, IPPB डाक विभाग का हिस्सा है, जो 1 सितंबर 2018 को शुरू हुआ। इसका लक्ष्य देश के हर कोने तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाना है। 1.65 लाख डाकघरों और 3 लाख से अधिक डाक कर्मचारियों के नेटवर्क के साथ, IPPB ग्रामीण भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहा है। यह साझेदारी ग्रामीण महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है, जो उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ने में मदद करेगी।