
उत्तराखंड में सहकारिता के ज़रिए 50 हजार महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में उत्तराखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित “महिला सशक्तिकरण सहकारिता से” विषयक कार्यक्रम में राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सहकारिता के माध्यम से 50 हजार महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करें और ग्राम पंचायत स्तर तक योजनाओं का लाभ पहुंचाएं।
सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में बहुउद्देशीय सहकारी समितियां नहीं हैं, वहां जल्द से जल्द उनका गठन किया जाए। इन समितियों के माध्यम से पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, जन औषधि केंद्र, जन सुविधा केंद्र जैसी सेवाएं संचालित की जाएंगी, जिससे ग्राम स्तर पर विकास और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
कार्यक्रम में डॉ. रावत ने यह स्पष्ट किया कि सहकारी समितियों में अनियमितताओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ समितियों की जांच जारी है और दोषियों को जल्द सजा दी जाएगी।
इस अवसर पर सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई और उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला सदस्यों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। जिला सहकारी बैंक हरिद्वार की 20 महिला अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित मत्स्य विभाग की सहायक निदेशक गरिमा मिश्रा को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, छह स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक के ऋण चेक प्रदान किए गए, और मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महिला कृषकों को भी ऋण सहायता दी गई।
यह कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण और समग्र ग्रामीण विकास की दिशा में उत्तराखंड सरकार के सहकारिता विभाग के सार्थक प्रयासों का उदाहरण बनकर उभरा है।