
डॉ. मोहंती इससे पहले कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक के रूप में कार्यरत थे
शिक्षण, अनुसंधान और अकादमिक नेतृत्व में दो दशकों से अधिक के अनुभव वाले प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. सुवा कांत मोहंती को वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वैमनीकॉम), पुणे का निदेशक नियुक्त किया गया है। उन्होंने शुक्रवार, 10 अप्रैल 2025 को अपना कार्यभार संभाला और डॉ. हेमा यादव का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण में नवाचारों के लिए जाना जाता है। डॉ. मोहंती की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब भारत के सहकारी क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलावों की जरूरत महसूस की जा रही है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय, केंद्रीय मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में, सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रहा है। इस दिशा में वैमनीकॉम की भूमिका को और सशक्त करने की अपेक्षा है। हाल ही में केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने आगामी सहकारी विश्वविद्यालय में वैमनीकॉम की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया था। उन्होंने सहकारी शिक्षा के उभरते परिदृश्य में संस्थान के योगदान को रेखांकित करते हुए इसके वैश्विक प्रभाव की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
डॉ. मोहंती इससे पहले भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी यूनिवर्सिटी) में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि अत्यंत समृद्ध है। उन्होंने यूके के रीडिंग विश्वविद्यालय से सीजीआईएआर द्वारा प्रदान की गई प्रतिष्ठित जीआरआईएसपी छात्रवृत्ति के तहत एप्लाइड इकोनॉमिक्स और मार्केटिंग में पीएचडी प्राप्त की है। इसके अलावा, उन्होंने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक प्रथाओं की गहरी समझ विकसित हुई है।
हालांकि डॉ. मोहंती ने पहले सहकारी समितियों के साथ सीधे तौर पर कार्य नहीं किया है, लेकिन ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ उनका गहरा जुड़ाव और इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद (आईआरएमए) में उनके अनुभव ने उन्हें इस क्षेत्र में तेजी से विशेषज्ञता हासिल करने में मदद की है। आईआरएमए में उन्होंने एचडीएफसी चेयर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, मार्केटिंग विभाग के अध्यक्ष और एसोसिएट डीन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनकी शोध रुचियां खुदरा बिक्री, उपभोक्ता व्यवहार और सेवा विपणन जैसे क्षेत्रों में केंद्रित रही हैं, जो सहकारी प्रबंधन के लिए प्रासंगिक हैं।
तीन साल के अनुबंध पर वैमनीकॉम के निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति को सहकारी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनके नेतृत्व में वैमनीकॉम न केवल सहकारी प्रबंधन प्रशिक्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान को और मजबूत करेगा। डॉ. मोहंती ने कार्यभार संभालने के बाद कहा, “मेरा लक्ष्य वैमनीकॉम को सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण में अग्रणी बनाने के साथ-साथ इसे ग्रामीण और सहकारी अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुरूप ढालना है।”
सहकारी क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि डॉ. मोहंती का अनुभव और दृष्टिकोण वैमनीकॉम को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। संस्थान पहले से ही सहकारी प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है, और अब इसके पाठ्यक्रमों में डिजिटल प्रौद्योगिकी, सतत विकास और वैश्विक सहकारी मॉडल जैसे आधुनिक विषयों को शामिल करने की योजना है।
इस नियुक्ति से सहकारी आंदोलन को नई गति मिलने की उम्मीद है। भारत में सहकारी समितियां ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और वैमनीकॉम इन समितियों के लिए कुशल नेतृत्व और प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डॉ. मोहंती के नेतृत्व में संस्थान से न केवल भारत, बल्कि वैश्विक सहकारी समुदाय को भी लाभ होने की संभावना है।