दिल्ली सरकार ने सहकारी टैक्सी सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है, जो कि देश में महाराष्ट्र के बाद इस प्रकार की योजना लागू करने वाला दूसरा राज्य होगा। सहकारिता मंत्री रविंद्र इंद्राज ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस सेवा के लिए प्रस्ताव तैयार करें। यह सेवा निजी ऐप आधारित टैक्सी कंपनियों जैसे ओला और ऊबर का एक सशक्त विकल्प होगी।
सरकार का उद्देश्य ड्राइवरों को बिना कमीशन पूरी कमाई का अवसर देना और यात्रियों को आर्थिक रूप से किफायती परिवहन सुविधा प्रदान करना है। इस नई पहल से निजी टैक्सी कंपनियों के बाजार पर भी असर पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने मार्च माह में राज्यों को ऐप आधारित सहकारी टैक्सी सेवा शुरू करने के निर्देश दिए थे। महाराष्ट्र ने इस दिशा में सबसे पहले कदम उठाया और वहां यह योजना जल्द लॉन्च होने वाली है। दिल्ली सरकार ने भी अपने अधिकारियों को महाराष्ट्र मॉडल का अध्ययन करने और दिल्ली के लिए उपयुक्त प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं।
ड्राइवरों को मिलेगा को-ओनर स्टेटस
यह सहकारी टैक्सी सेवा ड्राइवरों द्वारा संचालित होगी। इसमें कोई सरचार्ज नहीं लगेगा और ड्राइवर अपनी पूरी कमाई प्राप्त करेंगे। ड्राइवर सहकारी संस्था से जुड़कर इसके को-ओनर बन सकेंगे। टैक्सियों की खरीद के लिए सरकार उन्हें सस्ती दरों पर ऋण भी उपलब्ध कराएगी। साथ ही, एक समर्पित मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को सीधे बुकिंग सुविधा मिलेगी और ड्राइवरों को निरंतर कार्य प्राप्त होगा।
समिति गठित कर होगा संचालन
सहकारी टैक्सी सेवा के लिए टैक्सी ड्राइवरों की एक सहकारी समिति बनाई जाएगी। समिति का प्रबंधन इसके सदस्य ड्राइवर स्वयं करेंगे। इस योजना के तहत दुपहिया टैक्सी, ऑटो रिक्शा और चार पहिया गाड़ियों का पंजीकरण संभव होगा। कमाई समिति सदस्यों के बीच समान रूप से वितरित की जाएगी, जिससे आर्थिक समानता और सहयोग की भावना विकसित होगी।