देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ समेत कई नेताओं ने निगम बोध घाट पर पहुंच कर पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मनमोहन सिंह को निगमबोध घात जाकर अंतिम विदाई दी.
मनमोहन सिंह की बड़ी बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी. इसी के साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सदा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गए. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था. पूर्व पीएम की तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम को उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था. हार्ट से संबंधित परेशानी के चलते 92 वर्षीय सिंह को अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया था. तमाम प्रयासों के बाद भी मनमोहन सिंह को बचाया नहीं जा सका. गुरुवार रात 9 बजकर 51 मिनट पर मनमोहन सिंह ने अंतिम सांस ली.
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13 वें प्रधानमंत्री थे. लोकसभा चुनाव 2009 में जीत हासिल करने के बाद वह जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने, जिन्हें पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला था. उन्हें 22 जून 1991 से 16 मई 1996 तक पीवी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों का श्रेय दिया जाता है. इसके बाद उन्होंने 22 मई 2004 को पहली बार भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला और 2014 तक इस पद पर बने रहे.
1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. इसके बाद 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई. वह जिन सरकारी पदों पर रहे उनमें वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल हैं. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 के बीच भारत के वित्तमंत्री भी रहे. आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में आज भी सराहा जाता है.